जूनियर टीम इंडिया ने कोच राहुल द्रविड की निगहबानी में 2018 U-19 विश्व कप जीता है और वह 2018 की दुनियां की सबसे सफल टीम बन गई है. ज़ाहिर है ये सभी भारतीयों के लिए बेहद ख़िशी की बात है ख़ासकर कोच राहुल द्रविड के लिए जिन्होंने अपने अनुभव और कार्यकुशलता से टीम को यगहां तक पहुंचा दिया. राहुल जहां अपनी के प्रदर्शन से बहुत ख़ुश हैं वहीं BCCI के रवैये से उन्हें ठेस पहुंची है. जूनियर टीम इंडिया ने चौथी बार ये ख़िताब जीता है.
BCCI टीम की शानदार उपलब्धि का सेहरा द्रविड के सिर बांधते हुए उनके लिए 50 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की है. साथ बोर्ड ने उनके स्पोर्ट स्टाफ के प्रत्येक सदस्य के लिए 20 लाख रुपये की भी घोषणा की है. लेकिन द्रविड BCCI के इस भेदभावपूर्ण रवैये से दुखी हैं. समझा जाता है कि द्रविड की नाराज़गी की वजह BCCI का पक्षपातपूर्ण रवैया है. उनका मानना है कि सभी ने मेहनत की थी और टीम की सफलता में उनका भी बराबरी का योगदान है.
BCCI ने 3 फ़रवरी को राहुल द्रविड को 50 लाख और उनके स्पोर्ट स्टाफ के प्रतेयोक सदस्य को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की थी जबकि टीम के प्रत्येक सदस्य के लिए 30 लाख रुपये की घोषणा की थी. स्पोर्ट स्टाफ में बॉलिंग कोच पारस म्हाम्बरे, फ़ील्डिंग कोच अभय शर्मा, फ़िजियोथेरेपिस्ट योगेश परमार, ट्रेनर आनंद दाते, मसाज विशेषज्ञ मंगेश गायकवाड़ औऱ वीडियो एनेलिस्ट देवराज राउत हैं.
न्यूज़ीलैंड से लौटने के बाद द्रविड ने मीडिया से कहा था कि टीम की सफलता का सारा श्रेय पूरे स्पोर्ट स्टाफ़ को जाता है जिसने जी तोड़ मेहनत की है. इस दौरान द्रविड ने ईनाम में भेदभाव की तरफ भी इशारा किया था.
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