भारत जब न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलने के लिए जा रहा था तब से ही क्रिकेट के गलियारों में बात चल रही थी कि एक टेस्ट मैच से ये कैसे तय हो सकता है कि कौन सी टीम टेस्ट क्रिकेट की बेस्ट टीम है। 50 या फिर 20 ओवर के मैच से आप एक विजेता चुन सकते है, लेकिन जब बात 5 दिन के टेस्ट क्रिकेट की आती है तो हर दिन होने वाली परिस्थितियों में बदलाव के चलते आप एक मैच से टेस्ट की बेस्ट टीम नहीं चुन सकते।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में मिली हार के बाद इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। कोहली ने कहा कि हम पिछले तीन साल से टेस्ट क्रिकेट में मेहनत कर रहे हैं और एक मैच हारने के बाद पता चलता है कि हम टेस्ट की बेस्ट टीम नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि एक टेस्ट मैच से वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का फैसला करने के नियम से सहमत नहीं है।
कोहली ने मैच के बाद कहा "मैं एक मैच के दौरान दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का फैसला करने के लिए पूरी तरह से सहमत नहीं हूं।"
उन्होंने आगे कहा "अगर यह टेस्ट सीरीज होती तो हमें यहां चरित्र का परीक्षाण करने के साथ सीरीज में वापसी करने का मौका मिलता। दोन दिन आप किसी टीम पर अच्छा क्रिकेट खेलकर प्रेशर डालते हैं और अचानक आपको पता लगता है कि आप टेस्ट क्रिकेट की बेस्ट टीम नहीं है। मुझे इस पर विश्वास नहीं होता।"
कोहली ने आईसीसी को इस नियम में बदलाव करने को कहा और बताया कि क्यों तीन मैच की टेस्ट सीरीज जरूरी है।
भारतीय कप्तान ने कहा "निश्चित रूप से भविष्य में इस पर काम करने की जरूरत है। जब आप तीन मैच की टेस्ट सीरीज खेलते हैं तो आपको सीरीज के दौरान अपने प्रयास, उतार-चढ़ाव और परिस्थितियों में बदलाव के बारे में पता चलता है। पहले मैच में की गई गलतियों को सुधारने का आपके पास मौका होता है और तीन मैच की सीरीज के बाद फिर आपको पता चलता है कि कौन सी टीम बेस्ट है।"
उन्होंने अंत में कहा "इसलिए हम इस परिणाम से बहुत परेशान नहीं हैं क्योंकि हम एक टेस्ट टीम के रूप में समझते हैं कि हमने पिछले 3-4 वर्षों में क्या किया है, न कि पिछले 18 महीनों में। इसलिए यह इस बात का पैमाना नहीं है कि हम एक टीम के रूप में कौन हैं।"
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