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Hindi News खेल क्रिकेट 'उनकी सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या', जहीर खान की तारीफ में बोले लक्ष्मण

'उनकी सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या', जहीर खान की तारीफ में बोले लक्ष्मण

लक्ष्मण ने लिखा,"श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या है।"

VVS Laxman Tweet For Zaheer Khan - India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES VVS Laxman Tweet For Zaheer Khan 

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी ट्विटर सीरीज को आगे बढ़ता हुए आज जहीर खान की तारीफ की है। लक्ष्मण ने जीहर के साथ एक तस्वीर शेयर करते कहा कि श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दर्शाया है। दरअसल, लक्ष्मण ने पिछले हफ्ते से ट्विटर पर एक अगल प्रकार की सीरीज शुरू की थी जिसमें वह अपने साथी खिलाड़ियों की तस्वीर साझा कर उनके बारे में लिखते हैं। यह वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने या तो लक्ष्मण के साथ खेला है या फिर उनको प्रभावित किया है। इस सीरीज में लक्ष्मण सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली समेत कई दिग्गजों की तारीफ कर चुके हैं।

जहीर खान के बारे में ट्विट करते हुए लक्ष्मण ने लिखा," उनमें बड़े सपने देखने की हिम्मत थी और उन सपनों का पीछा करने की ठान ली थी। श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या है।"

अक्टूबर 2000 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले जहीर खान के करियर में एक ऐसा समय आया था जब वह चोट और बुरी फॉर्म की वजह से टीम से बाहर हो गए थे। तब उन्होंने काउंटी क्रिकेट खेलने का फैसला किया और वहां जाकर धमाल मचाया। जहीर ने काउंटी क्रिकेट में डेब्यू करते हुए 10 विकेट चटकाए थे और वो 100 साल में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने थे।

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लक्ष्मण ने जहीर के काउंटी सफर के बारे में लिखा" काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें आरामदायक जोन में ला दिया।"

जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह 2003 विश्वकप में आशीष नेहरा और जवागल श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे। हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वह चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए।

उन्होंने 2004 में वापसी की लेकिन गति और निरंतरता में कमी देखी गई। जिसके कारण आरपी सिंह, इरफान पठान, मुनाफ पटेल और श्रीसंत टीम में आ गए और जहीर फिर से भारतीय टीम से बाहर हो गए। अपने सफल काउंटी कार्यकाल के बाद, उन्हें 2006 में फिर से भारतीय टीम में शामिल किया गया।

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साल 2011 विश्वकप में महेंद्र सिंह धोनी ने जहीर के अनुभव का खूब फायदा उठाया और जहीर उस विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर थे।

जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 282 विकेट लिए। इसके अलावा, उन्होंने 92 टेस्ट और 17 टी 20 मैच खेले हैं, जिनमें क्रमश: 311 और 17 विकेट लिए। जहीर ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

(With IANS Inputs)

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