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Hindi News खेल क्रिकेट विराट की तरह फिनिशर बनना चाहता हूं : मंजोत

विराट की तरह फिनिशर बनना चाहता हूं : मंजोत

मंजोत कालरा ने आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ठीक वैसी ही पारी खेली, जैसी भारत की सीनियर टीम के कप्तान विराट कोहली सालों से खेलते आ रहे हैं।

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नई दिल्ली: मंजोत कालरा ने आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ठीक वैसी ही पारी खेली, जैसी भारत की सीनियर टीम के कप्तान विराट कोहली सालों से खेलते आ रहे हैं। दोनों बल्लेबाजों की शैली अलग है लेकिन मंजोत अपने करियर में कोहली जैसे अप्रोत के साथ आगे जाना चाहते हैं और अपनी टीम को अधिक से अधिक मैच जिताना चाहते हैं। मंजोत ने आस्ट्रेलिया के साथ हुए फाइनल में नाबाद शतक लगातार भारत को रिकार्ड चौथी बार खिताबी जीत दिलाई थी। उनकी पारी संतुलित और आक्रामक थी। मंजोत मानते हैं कि वह भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली से काफी प्रभावित हैं और उनकी तरह मैच भारत के पक्ष में समाप्त करने का अप्रोच लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं।

मंजोत ने न्यूट्रास्युटिकल के क्षेत्र में वैश्विक लीडर कम्पनी जनरल न्यूट्रीशन सेंटर (जीएनसी) द्वारा बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवादादाताओं से बातचीत के दौरान कहा, "मुझे कोहली का अप्रोच पसंद है। वह मैच समाप्त करके लौटना चाहते हैं। मेरी भी यही इच्छा है। फाइनल में भी मैं मैच समाप्त करके लौटना चाहता था। ऐसे में मेरे जेहन में कोहली आते थे। मैं उनके काफी प्रभावित हूं।"

मंजोत से जब यह पूछा गया कि आपकी शैली काफी हद तक बाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह से मिलती है और युवराज के साथ हो रही तुलना पर आपको कैसा लगता है तब मंजोत ने कहा, "अच्छा लगता है। वह बहुत बड़े खिलाड़ी हैं लेकिन मैं मैदान पर अपनी शैली से खेलना चाहता हूं। मैं उन्हें पसंद करता हूं लेकिन मैं उन्हें फॉलो नहीं करता। मेरी अपनी शैली है और मैं उसी के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं।" 

दिल्ली निवासी मंजोत ने कहा कि विश्व कप फाइनल उनके करियर का बहुत अहम पड़ाव है क्योंकि उन्होंने अपने करियर की अब तक की सबसे अच्छी पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी और इसके बाद से उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। 

बकौल मंजोत, "मेरी जिंदगी बदल गई है। मैं अब हर पल का लुत्फ ले रहा हूं। विश्व कप के लिए जाते वक्त मुझे सिर्फ मेरे माता-पिता एअरपोर्ट छोड़ने गए थे और जब लौटा तो सैकड़ों लोग मेरे स्वागत के लिए तैयार थे। मैं जहां रहता हूं, वहां भी ऐसे-ऐसे लोग मुझसे मिलने आते हैं, जिन्हें मैं जानता नहीं। लोग मुझे चाहते हैं और यह मुझे अच्छा लगता है। लोगों के प्यार ने मेरी जिम्मेदारी बढ़ा दी है और मैं इससे पनपी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं।"

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