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Hindi News खेल क्रिकेट INDvsAUS : क्या कोहली की धड़कनें गिनने के बाद धोनी पहुंचे रांची?

INDvsAUS : क्या कोहली की धड़कनें गिनने के बाद धोनी पहुंचे रांची?

नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है। दरअसल अब तक खेले गए मैचों को खिलाड़ियों से ज़्यादा पिचों ने रोमांचक बनाया है। पुणे

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नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है। दरअसल अब तक खेले गए मैचों को खिलाड़ियों से ज़्यादा पिचों ने रोमांचक बनाया है। पुणे में पहले टेस्ट में कमतर आंकी जा रही ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को तब चौंका दिया जब घुमावदार विकेट पर उसने टॉस जीतकर पहेल बल्लेबाज़ी की और बाद में ओ कीफ़ ने रहा सहा काम कर दिया यानी स्पिन पिच का जादू सिर चढ़ कर बोला। बेंगलुरू टेस्ट में विराट कोहली ने टॉस जीता और पहले बैटिंग की। इस बार पिच ने कोहली का साथ दिया और अश्विन और जडेजा ने कंगारुओं को घुमाकर रख दिया। हालंकि पहली पारी में नैथन लॉयन ने कब कहर नही बरपाया। यहां जीत के साथ भारत ने सीरीज में बराबरी कर ली। 

पिछले दो मैचों में पिच की बूमिका को देखते हुए रांची में गुरुवार से शुरू होने वाला तीसरा टेस्ट मैच अहम हो गया है, खासतौर से भारत के लिए यह नाक की लड़ाई की तरह बन गया है। यदि ऑस्ट्रेलियाई टीम इसमें जीत हासिल करती है, तो वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास बरकरार रखने में सफल हो जाएगी। 

सिरीज़ भले ही बराबर हो गई हो लेकिन एक बात को लेकर कोहली का दिल घड़क रहा है और वह ये कि रांची की पिच कैसी होगी और ये कि अगर पुणे और बेंगोलुरु जैसी हुई तो अगर टॉस हार गए तो क्या होगा। ऐसे हालात में धोनी ने विराट की धड़कने गिनी और पहुंच गए अचानक रांची।
 
दरअसल भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इस सिरीज के चार में से तीन टेस्ट मैच नए मैदानों पर खेले जा रहे हैं जहां दोनों ही टीमें पहले कोई मैच नहीं खेली हैं। मैदान या पिच में पहले नहीं खेलने का अनुभव का क्या नतीजा होता है, ये हम पुणे में देख चुके हैं। ज़ाहिर है ऐसे में टीम इंडिया अब कोई चांस नहीं लेना चाहगी। विराट कोहली एंड कंपनी रांची के टेस्ट विकेट से चूंकि वाकिफ़ नहीं है, ऐसे में वह पुणे जैसी स्थिति से बचना चाह रही है। और यही वजह है कि रांची टेस्ट से पहले कोलकाता में विजय हजारे ट्रॉफी खेल रहे पूर्व कप्तान एमएस धोनी यूं ही अचानक रांची नहीं चले गए थे, उन्हें ख़ास मक़सद से वहां भेजा गया था, वो भी विराट के आग्र पर क्योंकि वह क्रिकेट की समझ के मामले में धोनी से अधिक किसी पर भरोसा नहीं करते हैं।

रांची धोनी का घरेलू मैदान है और वहां की परिस्थितियों से वह अच्छी तरह वाकिफ हैं। जब धोनी अचानक रांची पहुंचे थे, तो कई लोगों ने सवाल उठाया था। मीडिया ने भी वहां के क्यूरेटर से सवाल किए थे, हालंकि उन्होंने सिरे से ख़ारिज कर दिया था। क्यूरेटर एसबी सिंह ने कहा था कि धोनी का यह रूटीन दौरा था, लेकिन यदि धोनी के शेड्यूल पर नजर डालें, तो उन्हें कोलकाता से सीधे बेंगलुरू बीसीसीआई अवॉर्ड्स में भाग लेने जाना था, लेकिन वह रांची पहुंच गए। इतना ही नहीं उन्होंने पिच का मुआयना भी किया। बताया जा रहा है कि रांची में तीन विकेट बनाए गए हैं और उसमें से ही किसी एक को मैच के लिए चुना जाएगा, लेकिन हर कोई जानता है कि ऐसी स्थिति में हमेशा मेज़बान टीम की ही सुनी जाती है।

क्यूरेटर सिंह का ये भी कहना है कि धोनी जब वह यहां होते हैं तो अक्सर स्टेडियम आते हैं और जिम में काफी समय बिताते है। पिछले चार सालों में उन्होंने पिच बनाने में कभी भी दखल नहीं दिया। चूंकि वह एक महान खिलाड़ी हैं, ऐसे में मैं उनसे हमेशा अच्छे विकेट के निर्माण के लिए सलाह की अपेक्षा रखता हूं।

अब सवाल यह है कि क्या धोनी ने लगभग एक सप्ताह पहले रांची पहुंचकर विराट कोहली की पसंद के अनुसार विकेट बनाए जाने की सलाह क्यूरेटर सिंह को दी? इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही है कि धोनी के इनपुट से विराट एंड टीम को निश्चित रूप से फायदा होगा और उन्हें पुणे जैसी स्थिति से बचने में मदद मिलेगी। वैसे भी विराट खुद कह चुके हैं कि वह क्रिकेट की समझ के मामले में किसी अन्य से अधिक धोनी पर भरोसा करते हैं और उनकी राय सटीक होती है।

आपको बता दें कि चौथा और आख़िरी टेस्ट मैच धर्मशाला में होना है जहां इसके पहले कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया है।

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