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Hindi News खेल क्रिकेट 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के हाथों क्यों मिली वेस्टइंडीज को हार, होल्डिंग ने किया खुलासा

1983 वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के हाथों क्यों मिली वेस्टइंडीज को हार, होल्डिंग ने किया खुलासा

भारतीय क्रिकेट टीम जब साल 1983 में वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड गई थी तो किसी नें नहीं सोचा था कि ये टीम वर्ल्ड का खिताब लेकर वापसी देश लौटेगी। लेकिन फाइनल में टीम इंडिया ने लॉर्ड्स के मैदान पर उस समय की दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को मात देकर पहली बार खिताब कब्जा जमाया।

<p>Why West Indies lost to India in 1983 World Cup final,...- India TV Hindi Image Source : ICC Why West Indies lost to India in 1983 World Cup final, Holding revealed

भारतीय क्रिकेट टीम जब साल 1983 में वर्ल्ड कप खेलने के लिए इंग्लैंड गई थी तो किसी नें नहीं सोचा था कि ये टीम वर्ल्ड का खिताब लेकर वापसी देश लौटेगी। लेकिन फाइनल में टीम इंडिया ने लॉर्ड्स के मैदान पर उस समय की दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को मात देकर पहली बार खिताब कब्जा जमाया। इस खिताबी मुकाबले को लेकर अब वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने बड़ा खुलासा किया है और हार की बड़ी वजह भी बताई है।

माइकल होल्डिंग ने मंगलवार को बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि 1983 के विश्व कप फाइनल मुकाबले में भारत के खिलाफ वेस्टइंडीज टीम ओवरकॉन्फिडेंट थी। माइकल होल्डिंग ने कहा कि वेस्टइंडीज ने भारत को 183 के स्कोर पर आउट करने के बाद मैच को हल्के में ले लिया था और यही वजह विंडीज टीम की हार का कारण बनी।

वेस्टइंडीज की टीम 1983 विश्व कप से पहले लगातार दो वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुकी थी जबकि कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में भारत टीम 183 रन पर ऑलआआउट हो गई थी। इसके बाद मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ की गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज की टीम महज 140 रनों पर ढेर हो गई। इसी के साथ भारत ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया।

वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में मिली हार को याद करते हुए होल्डिंग ने सोनी टेन पिट स्टॉप में खेल विश्लेषक जॉय भट्टाचार्य से कहा, "मैं पूरी ईमानदार कहूं तो हम शायद ओवरकॉन्फिडेंट थे। हमने नहीं सोचा था कि भारत विश्व कप में हमारे लिए कोई परेशानी बनने जा रहा है। हां, उन्होंने विश्व कप से पहले हमें कई बार हराया था, लेकिन हमने हमेशा सोचा था कि हम उन पर हावी हो जाएंगे, खासकर हमारी तेज गेंदबाजी से।"

होल्डिंग ने आगे कहा, "विशेष रूप से उस फ़ाइनल में। हमने भारत को सिर्फ इसलिए हल्के लिया क्योंकि हमने भारतीय टीम को सस्ते में आउट कर दिया था। ऐसा तब होता है जब आप सामने वाली टीम को कमतर आंकते हैं और कमजोर टीम बेहतरीन प्रदर्शन करने में सपल होती है।"

गौरतलब है कि साल 1983 में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में कपिल देव की कप्तानी वाली भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.4 ओवर में महज 183 रन पर ऑलआउट हो गई थी। भारत की ओर से श्रीकांत ने 38 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन की पारी खेली थी। इसके जवाब में विंडीज की टीम  52 ओवर में महज 140 रन पर ढेर हो गई। भारत की ओर से मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ ने 3-3 विकेट अपने नाम किए। 

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