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Hindi News खेल क्रिकेट EXCLUSIVE| World Cup 2019: विश्व कप इतिहास में पहली हैट्रिक लेने वाले चेतन शर्मा ने बताया शमी की हैट्रिक का राज

EXCLUSIVE| World Cup 2019: विश्व कप इतिहास में पहली हैट्रिक लेने वाले चेतन शर्मा ने बताया शमी की हैट्रिक का राज

पहली गेंद पर चौका खाने के बाद शमी ने आखिरी ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवी गेंद पर विकेट लेकर क्रिकेट विश्वकप के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवाया।

मोहम्मद शमी- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGE / ICC मोहम्मद शमी और चेतन शर्मा 

31 अक्टूबर 1987 को क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में भारतीय खिलाड़ी के नाम एक सुनहरा कीर्तिमान लिखा गया था। इस दिन भारत के मध्यम गति के तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने 1987 में खेलें जा रहे वर्ल्ड कप के चौथे एडिशन में विश्व कप की पहली हैट्रिक ली। जिसके चलते पूरी क्रिकेट दुनिया में उनके नाम का डंका बज गया था। उन्होंने अपने तीनो विकेट में न्यूजीलैंड बल्लेबजों के स्टंप्स उखाड़ फेंके थे। कुछ इस तरह की यादों को टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्म शमी ने 32 साल बाद भारतीय फैंस के दिलों में फिर से ताजा कर दिया है। उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लेकर चेतन शर्मा के द्वारा किया गया कारनामा जैसे ही दोहराया। वैसे ही भारत के पूर्व हैट्रिक मैन चेतन शर्मा को भी अपना टाइम याद आ गया और वो शमी के हैट्रिक लेने पर अपनी सीट से उछल पड़ें।

दरअसल, भारतीय टीम ने अफगानिस्तान के खिलाफ रोमांचक मैच में 11 रन से जीत हासिल की। जिसमें भारत के तेज गेंदबाजों ने अफगानी बल्लेबाजों के तोतें उड़ा दिए। 225 रनों के लक्ष्य में अफगानिस्तान को अंतिम ओवर में 16 रन चाहिए थे और उसके तीन विकेट बाकी थे। तभी पहली गेंद पर चौका खाने के बाद शमी ने आखिरी ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवी गेंद पर विकेट लेकर क्रिकेट विश्वकप के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से लिखवा लिया।  इस तरह वो विश्वकप में हैट्रिक लेने वाले दसवें जबकि दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। 

इसी बीच शमी को खुद के जैसा कीर्तिमान रचते देख चेतन शर्मा की भी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। इंडिया टी. वी. से ख़ास बातचीत में उन्होंने ना सिर्फ शमी को बधाई दी बल्कि उनकी दिन दुनी रात चौगुनी सफलता के पीछे का मूल कारण भी बताया। 

भारत के पूर्व खिलाड़ी चेतन शर्मा ने शमी को बधाई देते हुए कहा, "मुझे बहुत ख़ुशी हुई और गर्व भी हुआ जब शमी ने कल अफगानिस्तान के खिलाफ हैट्रिक ली। आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि 1987 में जब पहली विश्व कप की हैट्रिक हुई होगी तो लोग कितने खुश हुए होंगे। उसके बाद कल जब शमी ने हैट्रिक ली तो मैं ही अपनी सीट से दो फीट उपर तक कूद गया था। अच्छा लगता है जब कोई भारतीय खिलाड़ी इस तरह के कारनामें करता है। मेरी मोहम्मद शमी बहुत-बहुत शुभकामनाए हैं। पहली हैट्रिक मैंने ली और दसवीं शमी ने तो पूरी दुनिया हम दोनों के बीच में हैं।"

बता दें की 32 साल पहले टीम इंडिया के बल्लेबाजों की तूती पूरे विश्व में बोलती थी। जबकि टीम का कमज़ोर पक्ष गेंदबाजी माना जता था। ऐसे में जब आधुनिक क्रिकेट का समय चल रहा है तो टीम इंडिया का अंदाज भी बदलता जा रहा है। आज कीटीम इंडिया यानी कोहली सेना अपनी बल्लेबाजी के लिए कम बल्कि पूरे विश्व में गेंदबाजी के लिए ज्यादा जानी जाती है। जिसके पीछे का कारण टीम इंडिया के गेंदबाजो का लगातार टीम को मैच जीता कर देना है। 

ऐसे में जब पूर्व खिलाड़ी से टीम इंडिया के बदलाव के बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "टीम में कड़ी प्रतिस्पर्धा है। पहले हम सोच रहे थे शमी फ्रंट लाइन तेज गेंदबाज होंगे लेकिन टीम मैनेजमेंट ने भुवनेश्वर को मौका दिया। ऐसे में भुवनेश्वर को पता है कि अगर उन्होंने अच्छा नहीं किया तो शमी मौके को भुना लेगा। इतना ही नहीं शमी को भी पता है कि अगर उन्होंने अच्छा नहीं किया तो भुवी बैठे हुए हैं। तो जब टीम में इस तरह की कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। इससे काफी फर्क पड़ता है।"

इतना ही नहीं पूर्व खिलाड़ी ने चयनकर्ताओं की भी जमकर तारीफ की। उनका मानना है कि पहले चयनकर्ता बल्लेबाजों को ज्यादा वरीयता देते थे लेकिन अब गेंदबाजो को काफी सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते ऐसे कारनामे टीम इंडिया के गेंदबाज रच रहे हैं। उन्होंने कहा, "टीम मैनेजमेंट को इसका पूरा श्रेय देना चाहिए कि वो कैसे अपने गेंदबाजों को फिट और तरोताजा रखते हैं। ये चयन समिति गेंदबाजो को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं तो पुरानी भारतीय टीम और आधुनिक भारतीय टीम के बीच यही सबसे बड़ा अंतर है। मैं हमेशा से कहता आ रहा हूँ की गेंदबाज मैच जीताते हैं जबकि बल्लेबाज मैच बनाते हैं।"

अफगानिस्तान के खिलाफ जब शमी दो विकेट ले चुके थे। उसके बाद टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कूल व वर्तमान में टीम के चाणक्य महेंद्र सिंह धोनी एक सलाहकार के तौर पर शमी को कुछ समझा रहे थे। तो ऐसे में गेंदबाज जब हैट्रिक गेंद डालने जाता है तो उसके दिमाग में क्या चलता है। 

इस पर चेतन शर्मा ने कहा,"धोनी को शमी की तरह मुझे भी हैट्रिक बॉल से पहले कपिल देव ने दो-तीन मिनट तक समझाया था। उन्होंने भी यही कहा था कि बिलकुल सीधी गेंद डालिए। वही चीज़ धोनी ने शमी को समझाया कि यॉर्कर डालो तो शमी ने वही किया। जिससे शमी को भी सफलता मिली।"

पिछले एक साल में साउथ अफ्रीका दौरे से अगर बात करें तो शमी ने उसके बाद इंग्लैंड फिर ऑस्ट्रेलिया में एक अलग स्तर की गेंदबाजी की है। उनकी गेंदबाजी में लगातार पैने पन के पीछे किस मूल कारण को आप देखते हैं।

इस पर चेतन शर्मा ने कहा, "तेज गेंदबाजी का मूल आपकी फिटनेस होती है। क्योंकि जब तक आप तेज दौड़ेंगे नहीं तब तक आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। शमी की सफलता के पीछे उसकी फिटनेस सबसे बड़ा कारण है। क्योंकि उसके दिमाग में फिटनेस को लेकर कोई समस्या नहीं है जिससे शमी 100% अपनी गेंदबाजी के बारें में सोच रहा है। इसलिए इतना सफल है।"

अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में शमी की हैट्रिक के पीछे कई क्रिकेट पंडितों और दिग्गजों का मानना है की 'मैन ऑफ द मैच' चुने गए जसप्रीत बुमराह का भी बड़ा योगदान है। इसके बारें में आप क्या कहना चाहेंगे? जिस पर भारत के पूर्व खिलाड़ी चेतन शर्मा ने कहा, "हैट्रिक लेना एक टीम का प्रयास है। इसमें सिर्फ बुमराह को श्रेय देना गलत है। क्रिकेट एक टीम गेम है तो इसमें पूरी टीम का प्रयास है।" 

 

 

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