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Hindi News खेल क्रिकेट भारतीय क्रिकेट टीम की फिटनेस तय करने का नया मंत्र बना ‘यो-यो टेस्ट’

भारतीय क्रिकेट टीम की फिटनेस तय करने का नया मंत्र बना ‘यो-यो टेस्ट’

युवराज सिंह और सुरेश रैना के वनडे टीम से बाहर होने का कारण यही ‘यो-यो टेस्ट’ बताया जा रहा है...

Virat Kohli and Shikhar Dhawan | AP Photo- India TV Hindi Virat Kohli and Shikhar Dhawan | AP Photo

दांबुला: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुकूलन कोच शंकर बासु ने किसी भी सीरीज के दौरान खिलाड़ियों की चपलता बनाए रखने के लिये रैंडम फिटनेस टेस्ट को जरूरी बना दिया है। हर प्रैक्टिस सेशन से खिलाड़ियों को उनकी विशेषता बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग से जुड़े अभ्यास के बाद उन्हें कड़े ट्रेनिंग ड्रिल्स से गुजरना होता है जिसके तहत किसी खिलाड़ी या कुछ खिलाड़ियों के दल को चुना जाता है। खिलाड़ियों की फिटनेस को तय करने वाला ‘यो-यो टेस्ट’ बासु का प्रॉजेक्ट है। इसी के तहत युवराज सिंह को वनडे टीम से बाहर करने की बात कही जा रही है।

श्रीलंका दौरे पर फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को 2 बार इस टेस्ट से गुजरते हुए देखा गया। पहली बार SSC में दूसरे टेस्ट से पूर्व उन्होंने रविचंद्रन अश्विन और चेतेश्वर पुजारा के साथ इस टेस्ट में हिस्सा लिया और फिर दांबुला वनडे से पहले कप्तान विराट कोहली और केएल राहुल के साथ। पूर्व कप्तान और विकेटकीपर एमएस धोनी को भी शुक्रवार को प्रैक्टिस सेशन के बाद इस परीक्षण से गुजरते देखा गया था। धवन ने कहा, ‘फिटनेस का मुद्दा हमारे लिए हमेशा अहम रहा है, लेकिन अब ये बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि टीम के सभी खिलाड़ियों को एक समान फिट रहना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रिकेट की तीनों विधाओं में फिटनेस काफी जरुरी है। एक खराब फील्डिंग खेल का रुख बदल सकती है।’

टीम प्रबंधन द्वारा लागू की गई इस फिटनेस व्यवस्था को उन्होंने सही करार देते हुए कहा, ‘आज का क्रिकेट 10 वर्ष पहले खेले जाने वाले क्रिकेट से काफी बदल गया है। पहले चीजें अलग थी लेकिन अब खेल में काफी तेजी आयी है और आपको फिट रहना होगा। हमसे ऐसी उम्मीद करना उचित भी है। अगर आप फिट नहीं हैं तो टीम को आपका बोझ उठाना पड़ता है जो टीम के लिए ठीक नहीं है। फिटनेस ऐसी चीज है जिस पर सिर्फ भारतीय टीम ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी हर अंतरराष्ट्रीय टीम ध्यान दे रही है। उनके लिये फिटनेस का पैमाना तय है और अब हमारे लिये भी फिटनेस का पैमाना तय है।’ 

शिखर ने कहा, ‘हमारे पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं, अगर किसी को कुछ होता है तो दूसरा उसके स्थान को लेने के लिए तैयार रहता है। इससे टीम का संतुलन बना रहता है। अगर हमारे पास बाहर जाने वाले खिलाड़ी के स्तर की प्रतिभा नहीं है तब भी हम जानते हैं कि फिटनेस से उसे बराबर कर लेंगे। जब हमें पता है कि हमारे पास मजबूत बेंच स्ट्रैंथ है तो क्यों ना खिलाड़ियों पर और ज्यादा जिम्मेदारी दी जाए ताकि वे टीम के लिए और योगदान दे सकें।’

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