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Hindi News खेल क्रिकेट युवराज सिंह का बड़ा बयान, रोहित शर्मा दिलाते हैं इंजमाम उल हक की याद

युवराज सिंह का बड़ा बयान, रोहित शर्मा दिलाते हैं इंजमाम उल हक की याद

युवराज ने बताया कि इंजमाम के पास शॉट खेलने का काफी समय होता था और रोहित शर्मा के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

Yuvraj Singh's big statement, Rohit Sharma reminds Inzamam-ul-Haq - India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Yuvraj Singh's big statement, Rohit Sharma reminds Inzamam-ul-Haq 

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने हाल ही में खुलासा किया है कि जब उन्होंने पहली बार भारतीय उप कप्तान रोहित शर्मा को खेलते हुए देखा तो उन्हें इंजमाम उल हक की झलक उसमें दिखाई दी थी। युवराज ने बताया कि इंजमाम के पास शॉट खेलने का काफी समय होता था और रोहित शर्मा के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

गौरव कपूर के साथ एक यूट्यूब शो के दौरान युवराज ने कहा "जब रोहित भारतीय टीम में आया तो मुझे लगा कि वो किसी खिलाड़ी की तरह लग रहा है जिसके पास खेलने के लिए बहुत समय हो। उसने मुझे इंजमाम उल हक की याद दिलाई। क्योंकि इंजमाम जब खेलते थे तो उनके पास भी काफी समय होता था।"

उल्लेखनीय है, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान युवराज ने बड़ा बयान देते हुे कहा था कि धोनी और कोहली की कप्तानी से ज्यादा उन्हें गांगुली की कप्तानी में सपोर्ट मिला था। युवराज ने कहा था "मैंने सौरव गांगुली की कप्तानी में खेला और वहां मुझे बहुत सपोर्ट मिला। इसके बाद धोनी आए। धोनी और गांगुली के बीच चुनना काफी मुश्किल है। लेकिन मेरी यादें गांगुली के साथ जुड़ी है क्योंकि उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया। मुझे उस तरह का सपोर्ट धोनी और कोहली की कप्तानी में नहीं मिला।"

युवराज ने 304 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनमें से 110 मैच उन्होंने गांगुली की कप्तानी में खेले जबकि 104 एकदिवसीय मैच उन्होंने धोनी के अंडर खेले।

दिलचस्प बात यह है कि युवराज के रिकॉर्ड धोनी की कप्तानी में ज्यादा बेहतर रहे हैं। धोनी की कप्तानी में खेले मैचों में उन्होंने लगभग 37 की औसत से 3077 रन बनाए वहीं गांगुली की कप्तानी में उन्होंने 2640 ही रन बनाए।

युवराज ने कहा "मैं जब खेलने आया तो आईपीएल नहीं हुआ करता था। मैं अपने हीरो को टीवी पर देखा करता था और अचानक उनके साथ बैठने लगा। मेरे अंदर उनके लिए बहुत आदर और सम्मान था और मैंने उनसे सीखा व्यव्हार कैसे करें, मीडिया से बात कैसे करें आदि। लेकिन आज मुश्किल ही कोई सीनियर खिलाड़ी अपने साथी खिलाड़ी को यह सिखाता होगा।"

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