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Hindi News खेल क्रिकेट ICC ने भारत-श्रीलंका दूसरे टेस्ट के लिए बेंगलुरू की पिच को औसत से कम दी रेटिंग

ICC ने भारत-श्रीलंका दूसरे टेस्ट के लिए बेंगलुरू की पिच को औसत से कम दी रेटिंग

भारत और श्रीलंका के बीच इस महीने के शुरू में दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच की मेजबानी करने वाले चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को ICC ने औसत से कमतर आंका है। 

<p>भारत-श्रीलंका दूसरा...- India TV Hindi Image Source : TWITTER @BCCI भारत-श्रीलंका दूसरा टेस्ट 

दुबई। भारत और श्रीलंका के बीच इस महीने के शुरू में दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच की मेजबानी करने वाले चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने औसत से कमतर आंका है। भारत ने इस मैच में श्रीलंका को 238 रन से हराया था। यह टेस्ट 12 मार्च से शुरू हुआ था और तीन दिन के अंदर समाप्त हो गया था। आईसीसी पिच एवं आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के तहत इस स्थान को एक ‘डिमेरिट अंक’ मिला है।

आईसीसी के बयान में मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने कहा, ‘‘पिच से पहले दिन ही बहुत अधिक टर्न मिल रहा था। प्रत्येक सत्र के साथ हालांकि इसमें सुधार होता गया लेकिन मेरी नजर में इसमें बल्ले और गेंद के बीच समान मुकाबला देखने को नहीं मिला।’’

श्रीनाथ की रिपोर्ट भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भेज दी गयी है। इससे पहले भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 2017 में खेले गये मैच के बाद भी आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने बेंगलुरू की पिच को औसत से कमतर आंका था। आईसीसी पिच एवं आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के अनुसार, ‘‘यदि पिच या आउटफील्ड को निम्न स्तर का आंका जाता है तो उस स्थान को उसी हिसाब से डिमेरिट अंक दिये जाते हैं।’’

इसके अनुसार, ‘‘जिस स्थल की पिच को औसत से कम आंका जाता है उसे एक डिमेरिट अंक मिलता है तथा जिस स्थल की पिच को बेहद घटिया या खेल के योग्य नहीं आंका जाता है उसे क्रमश: तीन और पांच डिमेरिट अंक मिलते हैं।’’ डिमेरिट अंक पांच साल तक प्रभावी रहते हैं। किसी भी स्थल को पांच डिमेरिट अंक मिलते हैं तो उसे एक साल के लिये अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है। आईसीसी के अनुसार यदि किसी स्थल को 10 डिमेरिट अंक मिलते हैं तो उस स्थल पर दो साल तक कोई अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित नहीं किया जा सकता है। 

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