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Hindi News खेल क्रिकेट IND vs NZ ODI: क्या संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन में मिलेगी जगह? कप्तान धवन ने दिया चौंकाने वाला जवाब

IND vs NZ ODI: क्या संजू सैमसन को प्लेइंग इलेवन में मिलेगी जगह? कप्तान धवन ने दिया चौंकाने वाला जवाब

IND vs NZ ODI: भारत और न्यूजीलैंड के बीच शुक्रवार को पहला वनडे मैच ऑकलैंड में खेला जाएगा। इस मैच में संजू सैमसन प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे या नहीं इस पर कप्तान शिखर धवन ने कुछ खास बात कही।

Sanju Samson, Shikhar Dhawan- India TV Hindi Image Source : TWITTER/@BCCI Sanju Samson, Shikhar Dhawan

IND vs NZ ODI: भारत-न्यूजीलैंड टी20 सीरीज में संजू सैमसन और उमरान मलिक को मौका नहीं मिला। खासकर विकेटकीपर बल्लेबाज सैमसन को बेंच पर बिठाए रखने के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट की खूब आलोचना हुई। फैंस और दिग्गजों ने कप्तान, कोच और टीम के थिंक-टैंक को खूब कोसा। अब बारी वनडे मुकाबलों की है। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैच की वनडे सीरीज खेलनी है। इस सीरीज में भारतीय टीम की कप्तानी शिखर धवन करेंगे, लोगों को संजू सैमसन को इस सीरीज में मौका मिलने की उम्मीद है।

क्या वनडे सीरीज में संजू सैमसन को मिलेगी जगह?

Image Source : APSanju Samson

न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जगह बनाने के लिए दाएं हाथ के बल्लेबाज सैमसन को किसी सिफारिश की जरूरत नहीं है। उनका हालिया प्रदर्शन उनकी दावेदारी को बयां करने के लिए काफी है।    जुलाई के बाद से वनडे मैचों में सैमसन ने 8 पारियों में 82.66 के शानदार औसत और 107.35 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ कुल 248 रन बनाए हैं जिसमें दो अर्धशतकीय पारियां शामिल हैं।

भारत फिलहाल अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए अपनी टीम को अंतिम रूप देने की राह पर है। ऐसे में अगर टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ सैमसन की क्षमताओं पर अपना विश्वास रखती है तो यह बड़े रोल की तैयारी के लिए उनके आत्मविश्वास को कई गुणा बढ़ा सकती है।   

बेंच पर बैठे प्लेयर्स से बात करते रहना जरूरी- धवन

Image Source : PTIKane Williamson and Shikhar Dhawan

भारत को शुक्रवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज का पहला वनडे मैच खेलना है। इससे पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान शिखर धवन से सैमसन जैसे खिलाड़ियों के बारे में सवाल पूछा गया।   

बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज ने कहा, "ज्यादातर, हर खिलाड़ी इस स्टेज से गुजरता है। टीम के लिए यह अच्छा है कि टीम में बहुत सारे अच्छे खिलाड़ी हैं। ऐसे मामलों में बातचीत ही बेहतर विकल्प है, चाहे वह कोच से हो या कप्तान से हो।"

धवन ने आगे बताया कि कैसे कम्यूनिकेशन और क्लियरिटी होने से प्लेइंग इलेवन से बाहर बेंच पर बैठे प्लेयर्स को हालात से निपटने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा, "अगर बातचीत होती है, तो खिलाड़ी को इस बारे में स्पष्टता मिलती है कि वह क्यों नहीं खेल रहे हैं और इसके पीछे क्या कारण है, क्योंकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।"

धवन अपना उदाहरण देकर बेंच पर बैठे प्लेयर्स का बढ़ाते हैं हौसला

भारतीय टीम में जगह का इंतजार करना एक ऐसी चीज है जिसे धवन अच्छी तरह से जानते हैं। 2004 के अंडर19 वर्ल्ड कप में तीन शतकों सहित 84.16 की औसत से 505 रन बनाने के लिए उन्हें प्लेयर आफ द टूर्नामेंट चुना गया था। लेकिन उन्हें टीम इंडिया की कैप हासिल करने के लिए 2010 तक इंतजार करना पड़ा। खेल के हर फॉर्मेट में खुद को सेट करने के लिए उन्हें 2013 तक संघर्ष करना पड़ा था। यही वजह है कि धवन कई बार अपना उदाहरण देकर बेंच पर बैठे प्लेयर्स की हौसला अफजाई करते हैं।

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