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टीम इंडिया की सेलेक्शन मीटिंग में होता था बड़ा 'घोटाला'! पूर्व हेड कोच ने खोल दिया राज

Team India Selection Meeting: पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर उनके कार्यकाल के दौरान सेलेक्शन मीटिंग में मौजूद रहने के आरोप लगे थे। एक बार फिर से यह मुद्दा गरमा सकता है।

BCCI- India TV Hindi Image Source : BCCI BCCI की वो तस्वीर जिसके बाद सौरव गांगुली पर चयन में हस्तक्षेप करने के आरोप लगे थे

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। खासतौर से 2021 का वो साल जब टीम इंडिया में ट्राजीशन का दौर चल रहा था। विराट कोहली की कप्तानी का युग खत्म हो रहा था और हेड कोच रवि शास्त्री की भी सत्ता समाप्त हो रही थी। यह वो समय था जब विराट कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी। वनडे टीम की कप्तानी से उन्हें हटा दिया गया था। उसके बाद सामने आया था विराट और गांगुली विवाद जो मौजूदा आईपीएल 2023 में भी चर्चा में रहा था। उस दौरान यह भी सवाल मीडिया में उठते थे कि सौरव गांगुली खुद सेलेक्शन मीटिंग में मौजूद रहते हैं। इसकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। पर तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष ने इसे खारिज कर दिया था।

अब एक बार फिर से यह मुद्दा चर्चा में आ सकता है। टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने ऐसा बयान दिया है जिससे एक बार फिर से उस दौरान होने वाली टीम की सेलेक्शन मीटिंग में एक बड़ा घोटाला होने की खबर सामने आई है। यह घोटाला है इन मीटिंग के दौरान मौजूद रहने वाले उन लोगों की जिनकी मौजूदगी नियमानुसार नहीं होनी चाहिए थी। शास्त्री ने हालांकि, नाम नहीं लिया किसी का भी लेकिन उन्होंने ईशारों-ईशारों में ही कह दिया कि कुछ ऐसे लोग मीटिंग के दौरान रहते थे जिन्हें नहीं होना चाहिए था। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि सेलेक्शन प्रक्रिया में उनका कोई इंटरफेरेंस रहता था।

रवि शास्त्री के बयान से मची खलबली

रवि शास्त्री ने इस बारे में पूछे जाने पर ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए बताया कि, मुझे इस बारे में बिल्कुल जीरो अनुभव रहा। टीम के साथ मैं सात साल तक रहा लेकिन कभी भी सेलेक्शन मीटिंग के आसपास तक नहीं भटका। मुझे ना इनवाइट किया गया और ना ही मुझे नियमानुसार जाने की अनुमति थी। एक कोच के तौर पर आप ज्यादातर समय खिलाड़ियों के साथ रहते हो। आप इस मीटिंग में भले ना पार्ट लें लेकिन सेलेक्टर्स के विचारों को तो जान ही सकते हैं। उसके बाद जो टीम के लिए उचित हो वो करना चाहिए। लेकिन मुझे इस बारे में बिल्कुल आइडिया नहीं है कि यह कब शुरू होती है और कब खत्म। मुझे जो पता चला उसके अनुसार 3-4 साल तक सेलेक्शन मीटिंग में वो लोग मौजूद रहे जिन्हें नहीं होना चाहिए था। यह नियम के खिलाफ था।

Image Source : Gettyरवि शास्त्री

क्या कहता है BCCI का संविधान?

रवि शास्त्री के इस बयान के बाद एक बार फिर से वो पुराना मुद्दा चर्चा में आ गया है जिसके मुताबिक सौरव गांगुली चयन समिति की बैठक में मौजूद रहते थे। पिछले साल रिद्दिमान साहा के सेलेक्शन विवाद के दौरान भी यह मुद्दा चर्चा में था। कुछ सेलेक्टर्स ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि गांगुली का सेलेक्शन मीटिंग में हस्तक्षेप रहता था। जो फोटो वायरल हुई थी उसमें सौरव गांगुली पूर्व चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद, तत्कालीन कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा के साथ बैठे नजर आ रहे थे। गांगुली ने मीडिया से साफतौर पर कहा था कि, यह फोटो सेलेक्शन मीटिंग की नहीं है। अगर बीसीसीआई के संविधान की बात करें तो अध्यक्ष का राष्ट्रीय टीम के चयन में कोई भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस संविधान को अनुमोदित भी किया है। इसके अनुसार सिर्फ बोर्ड सचिव को मीटिंग में मौजूद रहने का अधिकार है वो भी सिर्फ संयोजक के तौर पर चयन प्रक्रिया में बिना किसी हस्तक्षेप के।

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