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Hindi News खेल क्रिकेट Wriddhiman Saha NOC: ऋद्धिमान साहा 15 साल बाद CAB से हुए अलग, इस टीम के साथ शुरू कर सकते हैं नई पारी

Wriddhiman Saha NOC: ऋद्धिमान साहा 15 साल बाद CAB से हुए अलग, इस टीम के साथ शुरू कर सकते हैं नई पारी

ऋद्धिमान साहा को बंगाल क्रिकेट से मिली एनओसी, दूसरे राज्य की टीम से खेलने का रास्ता साफ।

Wriddhiman Saha, CAB, BCCI Domestic- India TV Hindi Image Source : GETTY Wriddhiman Saha gets NOC from CAB

Highlights

  • ऋद्धिमान साहा को कैब ने दी एनओसी
  • बंगाल क्रिकेट के साथ खत्म हुआ 15 साल का साथ

भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) की तरफ से एनओसी (अनापत्ति पत्र) दे दी गई है। इसका मतलब यह है कि साहा अब घरेलू क्रिकेट में बंगाल की तरफ से नहीं खेलेंगे। साहा के अलग होने के साथ ही उनका कैब के साथ 15 साल का जुड़ाव भी खत्म हो गया। 

आईपीएल 2022 में गुजरात टाइटंस को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले साहा का कैब के साथ रिश्ता पिछले कुछ समय से खराब चल रहा था। वह रणजी ट्रॉफी में भी टीम की तरफ से नहीं खेले, जिसकी वजह से उनकी आलोचना भी हुई थी। साहा कैब के एक अधिकारी की तरफ से अपनी आलोचनाओं को लेकर काफी निराश थे और इसपर उन्होंने माफी की मांग भी की थी। 

कैब की तरफ से कहा गया कि ऋद्धिमान साहा कैब कार्यालय आये और अध्यक्ष अविषेक डालमिया को एक आवेदन से संघ से एनओसी मांगी। साहा के अनुरोध पर उन्हें दूसरे राज्य के लिये खेलने के लिये एनओसी प्रदान की और उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनायें भी दीं। 

गौरतलब है कि कैब के संयुक्त सचिव देबब्रत 'देबू' दास ने आरोप लगाया था कि अनुभवी विकेटकीपर राज्य के लिये घरेलू मैच में नहीं खेलने के लिये बहाना बनाता था। इस पर नाराज साहा ने दास से बिना शर्त माफी मांगने को कहा था जो उन्होंने नहीं किया। और जब कैब अधिकारी को भारतीय टीम के प्रशासनिक प्रबंधक के तौर पर इंग्लैंड भेजा गया तो साहा को जवाब मिल गया और उन्होंने यह फैसला किया। 

एनओसी मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए साहा ने कहा कि उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि मुझसे पहले भी पूछा गया था। आज भी बार बार अनुरोध किया गया। लेकिन मैंने फैसला पहले ही कर लिया था। इसलिये मैंने आज एनओसी ले ली। साहा ने साथ ही कहा कि उन्हें कभी भी बंगाल से कोई शिकायत नहीं होगी और भविष्य में जरूरत पड़ने पर फिर से सेवा के लिये तैयार रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बंगाल क्रिकेट संघ से अहंकार संबंधित कोई मुद्दा नहीं था। बस किसी से (संयुक्त सचिव देबू) से असहमति थी इसलिये मुझे यह फैसला करना पड़ा। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक साहा त्रिपुरा की तरफ से खेल सकते हैं और उसके मेंटोर भी बन सकते हैं। हालांकि, इसपर अभी किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 

साहा के प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की बात करें तो 37 साल के क्रिकेटर ने 122 मैचों में 41.98 की औसत से 6423 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 13 शतक और 38 अर्धशतकीय पारियां खेली हैं। 

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