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Hindi News खेल अन्य खेल जोकोविच से हारने के बाद बोले नडाल, 'मैं अपनी गलतियों की वजह से हारा'

जोकोविच से हारने के बाद बोले नडाल, 'मैं अपनी गलतियों की वजह से हारा'

वर्ल्ड नंबर-1 सर्बिया के नोवाक जोकोविच के हाथों यहां जारी फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में हारने के वर्ल्ड नंबर-3 स्पेन के राफेल नडाल ने कहा है कि इस हार के लिए उनके पास कोई बहाना नहीं है। 

After losing to Djokovic, Nadal said, 'I lost because of my mistakes'- India TV Hindi Image Source : AP After losing to Djokovic, Nadal said, 'I lost because of my mistakes'

पेरिस। वर्ल्ड नंबर-1 सर्बिया के नोवाक जोकोविच के हाथों यहां जारी फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में हारने के वर्ल्ड नंबर-3 स्पेन के राफेल नडाल ने कहा है कि इस हार के लिए उनके पास कोई बहाना नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि वह अपनी गलती के कारण ही हारे हैं। जोकोविच ने 13 बार के चैंपियन नडाल को चार सेटों तक चले मुकाबले में नडाल को 3-6, 6-3, 7-6(4), 6-2 से मात दी। सर्बियाई खिलाड़ी ने चार घंटे और 22 मिनट तक चले मुकाबले में जीत अपने नाम की।

फ्रेंच ओपन में 105-2 (जीत-हार) का रिकॉर्ड रखने वाले नडाल का इससे पहले जोकोविच के खिलाफ 7-1 का रिकॉर्ड था। फाइनल में अब जोकोविच का सामना ग्रीस के स्टेफानोस सितसिपास से होगा, जिन्होंने इस साल केवल एक ही सेट गंवाया है।

नडाल के मैच के बाद कहा, " यही खेल है। कभी आप जीतते हैं तो कभी आप हारते हैं। मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की। मैं उन मौकों को भुनाने में असफल रहा, जोकि मुझे मिला।"

उन्होंने कहा, " मेरे पास तीसरे सेट में सेट प्वाइंट, 6-5, सेकेंड सर्व के साथ एक बड़ा मौका था। बस इतना ही। उस समय कुछ भी हो सकता था। फिर मैंने डबल फॉल्ट किया, टाई-ब्रेक में आसान से चूक गया। लेकिन यह सच है कि टनिर्ंग प्वाइंट था। थकान के कारण इस तरह की गलतियां हो सकती है।"

जोकोविच इससे पहले 2015 के क्वार्टर फाइनल में भी नडाल को हरा चुके थे। 2005 में अपना पहला फ्रेंच ओपन और 2020 में अपना आखिरी फ्रेंच ओपन खिताब जीतने वाले नडाल इस दौरान अब तक केवल तीन ही बार इस टूनार्मेंट हारे हैं।

इनमें 2009 में उन्हें चौथे राउंड में रोबिन सोडलिर्ंग से, 2015 में क्वार्टर फाइनल में जोकोविच से हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में चोट के कारण वह तीसरे राउंड से बाहर हो गए थे।

नडाल ने कहा, "यह मायने नहीं रखता। यह टेनिस है। यहां पर वहीं खिलाड़ी जीत के हकदार हैं, जो यहां की परिस्थितियों से अच्छी तरह से अवगत हैं। इसलिए इसमें कोई दोराय नहीं है कि वह जीत के हकदार थे।"