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शतरंज ओलंपियाड में चयन को लेकर सामने आयी एआईसीएफ की गुटबाजी

कुछ शीर्ष खिलाड़ी जैसे पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और विदित गुजराती तथा शीर्ष महिला खिलाड़ी कोनेरू हंपी और डी हरिका दोनों गुटों की टीमों में शामिल हैं।

Chess- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Chess

चेन्नई| अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) की गुटबाजी फिर से खुलकर सामने आ गयी क्योंकि दोनों गुटों ने 22 जुलाई से शुरू होने वाले फिडे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड के लिये अलग - अलग टीमें चुनी हैं जबकि खिलाड़ियों के फोरम ने सरकार से राष्ट्रीय संस्था के संकट को सुलझाने की अपील की है। एआईसीएफ दो गुटों में बंटा हुआ है। इनमें से एक गुट अध्यक्ष पी आर वेंकटरामा राजा और दूसरा सचिव भरत सिंह चौहान का है। इन दोनों के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद हैं।

कुछ शीर्ष खिलाड़ी जैसे पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद और विदित गुजराती तथा शीर्ष महिला खिलाड़ी कोनेरू हंपी और डी हरिका दोनों गुटों की टीमों में शामिल हैं। लेकिन उन्होंने जूनियर वर्ग में अलग अलग खिलाड़ी चुने हैं। चौहान गुट ने जो खिलाड़ी चुने हैं उनमें ओपन वर्ग में आनंद और गुजराती, अंडर-20 ओपन बोर्ड में निहाल सरीन, महिला वर्ग में हंपी और हरिका तथा अंडर-20 महिला वर्ग में आर वैशाली शामिल हैं। पी हरिकृष्णा, बी अधिबान, आर प्रागननंदा, भक्ति कुलकर्णी, तानिया सचदेव और दिव्या देशमुख रिजर्व खिलाड़ी हैं।

राजा गुट ने आनंद, गुजराती, हरिकृष्णा, हंपी, हरिका ओर भक्ति कुलकर्णी को टीम में रखा है। अंडर-20 के लिये उसने अर्ध्या गर्ग, मित्राभा गुहा, सृष्टि पांडे और अर्पिता मुखर्जी को चुना है। इस बीच हाल में गठित शतरंज खिलाड़ी फोरम ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर एआईसीएफ के संकट का समाधान करने की अपील की है तथा खेल के सर्वश्रेष्ठ हित में भारतीय टीम का चयन करने को कहा है।

खेल मंत्रालय राजा को एआईसीएफ अध्यक्ष और चौहान को सचिव के रूप में मान्यता देता है हालांकि दोनों गुटों की अध्यक्ष और महासचिव सहित अपने पदाधिकारियों की खुद की सूची है।