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Hindi News खेल अन्य खेल ISL-6: ओडिशा ने कोलकाता को गोलरहित ड्रॉ पर रोका

ISL-6: ओडिशा ने कोलकाता को गोलरहित ड्रॉ पर रोका

ओडिशा एफसी ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन के 22वें मैच में एटीके को गोलरहित ड्रॉ पर रोक कर उसे अंक बांटने पर मजबूर कर दिया।

<p>ISL-6: ओडिशा ने कोलकाता...- India TV Hindi Image Source : ISL ISL-6: ओडिशा ने कोलकाता को गोलरहित ड्रॉ पर रोका

पुणे| ओडिशा एफसी ने रविवार को यहां श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्टेडियम में खेले गए हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के छठे सीजन के 22वें मैच में एटीके को गोलरहित ड्रॉ पर रोक कर उसे अंक बांटने पर मजबूर कर दिया। एटीके का पांच मैचों में यह पहला ड्रॉ है। एटीके के अब 10 अंक हो गए हैं और वह शीर्ष पर कायम है। वहीं, ओडिशा का पांच मैचों में यह दूसरा ड्रॉ है। टीम के अब पांच अंक हो गए हैं और वह छठे नंबर पर है।

एटीके ने मैच के दूसरे मिनट से ही आक्रमण करना शुरू कर दिया जब रॉय कृष्णा ने बॉल को माइकल सूसाइराज की ओर दिया। सूसाइराज का शॉट हालांकि गोल पोस्ट के करीब से निकल गया।

15वें मिनट एटीके के अनस एडाथोडिका को मैच का पीला कार्ड मिला जबकि अगले दो मिनट में मेजबान ओडिशा की टीम दो बार गोल करने से चूक गई। वहीं, 27वें मिनट में एटीके भी बढ़त लेने से चूक गई।

39वें मिनट में स्ट्राइकर कृष्णा अपने साथी सूसाइराज के पास को अपने नियंत्रण में नहीं रख पाए और इस बार भी एटीके के हाथों से बढ़त लेने का सुनहरा मौका निकल गया। इस तरह दोनों में से कोई भी टीम पहले हाफ में गोल नहीं दाग पाई।

दूसरे हाफ में 49वें मिनट में ओडिशा के कार्लोस डेलगोडो फाउल कर बैठे, जिस पर एटीके को फ्री किक मिली। जेवियर हर्नाडीज ने इस पर शॉट लिया, लेकिन उनका यह शॉट गोल पोस्ट के ऊपर से निकल गया।

63वें मिनट में हर्नाडीज के पास पर जॉबी जस्टिन ने बेहतरीन हेडर लगाया, लेकिन नंदकुमार सीकर ने इसे क्लीयर करते हुए ओडिशा को गोल खाने से बचा लिया। 82वें मिनट में कृष्णा को बॉक्स के अंदर से एक लंबा पास मिला। कृष्णा ने इस पर एक बेहतरीन शॉट लिया, लेकिन डियावांडौ डियागने ने इसे ब्लॉक करके एटीके को बढ़त लेने से रोक दिया।

आखिर में 89वें मिटन में भी अर्शदीप ने बेहतरीन सेव करके एटीके को बढ़त लेने से रोके रखा। इसके बाद मुकाबला इंजुरी टाइम में चला गया। इंजुरी टाइम में भी दोनों टीमों में से कोई भी गोल नहीं दाग पाई और उसे एक-एक अंक से संतोष करना पड़ा।