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Hindi News खेल अन्य खेल 1956 ओलंपिक फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ टूटी ऊँगली के बावजूद खेले थे बलबीर - फुटबॉलर बलराम

1956 ओलंपिक फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ टूटी ऊँगली के बावजूद खेले थे बलबीर - फुटबॉलर बलराम

तुलसीदास बलराम ने 1956 ओलंपिक फाइनल की बात याद करते हुए कहा कि हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर ने पाकिस्तान के खिलाफ ऊंगली में फ्रेक्चर के बावजूद इस मुकाबले में खेले थे।

Balbir Singh Senior- India TV Hindi Image Source : FIH Balbir Singh Senior

नई दिल्ली| फुटबॉलर तुलसीदास बलराम ने 1956 ओलंपिक फाइनल की बात याद करते हुए कहा कि हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर ने पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत में गोल नहीं दागा था लेकिन वह ऊंगली में फ्रेक्चर के बावजूद इस मुकाबले में खेले थे। बलराम उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने 1956 ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल किया था, उन्होंने याद करते हुए कहा कि बलबीर सिंह ने चिर प्रतिद्वंदी के खिलाफ फाइनल से पहले दर्द निवारक इंजेक्शन लिया था।

तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह का सोमवार को मोहाली के एक अस्पताल में निधन हो गया, वह 96 वर्ष के थे। बलराम ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की अधिकारिक वेबसाइट पर लिखा, ‘‘1956 ओलंपिक की इतनी सारी यादें हैं, विशेषकर जिस तरीके से वह (बलबीर सिंह) इन सबसे आगे बढ़े थे जिससे भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। ’’

उन्होंने लिखा, ‘‘बलबीर पाजी का समर्पण काबिलेतारीफ था। वह अपनी ऊंगली में प्लास्टर के बावजूद आये थे और उन्होंने मैच से पहले दर्द निवारक इंजेक्शन लिया था। ’’ 

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बता दें कि पिछले दो साल में चौथी बार उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया। पिछले साल जनवरी में वह फेफड़ों में निमोनिया के कारण तीन महीने अस्पताल में रहे थे। कौशल के मामले में मेजर ध्यानचंद के समकक्ष कहे जाने वाले बलबीर सीनियर आजाद भारत के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से थे। वह और ध्यानचंद भले ही कभी साथ नहीं खेले लेकिन भारतीय हॉकी के ऐसे अनमोल नगीने थे जिन्होंने पूरी पीढी को प्रेरित किया। पंजाब के हरिपुर खालसा गांव में 1924 में जन्मे बलबीर को भारत रत्न देने की मांग लंबे अर्से से की जा रही है।