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Hindi News खेल अन्य खेल मैं अपने प्रदर्शन से कभी संतुष्ट नहीं होता, मैं हमेशा बेहतर करना चाहता हूं: ललित उपाध्याय

मैं अपने प्रदर्शन से कभी संतुष्ट नहीं होता, मैं हमेशा बेहतर करना चाहता हूं: ललित उपाध्याय

भारतीय हॉकी टीम मनप्रीत सिंह की कप्तानी में 10 साल बाद एक बार फिर एशिया की किंग बनी।

Lalit Upadhyay- India TV Hindi Lalit Upadhyay

नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम मनप्रीत सिंह की कप्तानी में 10 साल बाद एक बार फिर एशिया की किंग बनी। एशिया कप में टीम इंडिया को गोल्ड मेडल जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले ललित उपाध्याय से खास बातचीत की इंडिया टीवी संवाददाता श्रद्धा बगडवाल ने।

सबसे पहले फाइनल मुकाबले की बात करें, तो टीम का प्रदर्शन जरूर अच्छा रहा, लेकिन दूसरे हॉफ में कुछ गलतियां हुई, नहीं तो टीम ज्यादा बड़े अंतर से जीत सकती थी ?
ललित उपाध्याय- मलेशिया भी अच्छी टीम है और फाइनल मुकाबले में निश्चित तौर पर हम पर काफी दबाव भी था, दूसरे हॉफ में मुझसे भी कुछ गलतियां हुई लेकिन ओवर ऑल टीम ने एक यूनिट की तरह प्रदर्शन किया, टीम की जीत में सभी खिलाड़ियों का अहम योगदान था।

एशिया के किंग तो बन गए हैं लेकिन बाकी एशियाई टीमों का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा, पाकिस्तान अच्छा नहीं कर रही है वहीं मलेशिया और कोरिया का स्तर भी उतना अच्छा नहीं है।
ललित उपाध्याय- नहीं ऐसा नहीं है, बाकी टीमें भी अच्छी हॉकी खेल रही हैं, लेकिन आपको ऐसा इसलिए लग रहा है क्योंकि हमने उन टीमों के खिलाफ बड़े अंतर से जीत हासिल की है। वहीं आप अगर दूसरे टीमों के प्रदर्शन पर गौर करेंगे तो आपको पता चलेगा ज्यादातर टीमें एक ही लेवल की हैं सबने एक दूसरे को अच्छा कॉम्पिटिशन दिया। यहां तक की जापान ने भी पाकिस्तान से ड्रॉ खेला।

टीम में पी आर श्रीजेश और रुपिंदर पाल सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी नहीं थे। हॉकी इंडिया ने युवा खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके दिए। युवा खिलाड़ियों ने भी खुद को साबित किया और नतीजे टीम इंडिया के हक में गए।
ललित उपाध्याय- टीम ने सीनियर खिलाड़ियों को मिस जरूर किया लेकिन श्रीजेश और रुपिंदर की गैरमौजूदगी में टीम के बाकी सीनियर खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया साथ सीनियर्स और जूनियर्स के बीच भी अच्छा तालमेल देखने को मिला।

नए कोच जोर्ड मरीजिने के साथ टीम का पहला टूर्नामेंट था। जिसमें बड़ी कामयाबी मिली। जोर्ड को खिलाड़ियों के साथ तालमेल बैठाने में ज्यादा समय नहीं लगा।
ललित उपाध्याय- कोच जरूर नए हैं लेकिन ये भी सभी जानते अनुभवी कोच हैं जोर्ड महिला टीम के साथ काम कर चुके हैं। कोच बदला है लेकिन पैर्टन वही है जिस तरह से बाकी कोच प्रैक्टिस करवाते थे लिहाजा तालमेल बैठाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। हां लेकिन अभी नए कोच के साथ टीम को और समय चाहिए।

आपका प्रदर्शन अच्छा रहा पूरे टूर्नामेंट के दौरान, कितने संतुष्ट हैं अपने प्रदर्शन से और क्या कुछ कमियां आपको लगी जिस पर आप काम करना चाहेंगे और इसके बाद आपका अगला लक्ष्य क्या है ?
ललित उपाध्याय- प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन मैं कभी भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं होता हूं मैं इसे और बेहतर करना चाहता हूं। मैं अपने गोल स्कोर करने की तकनीक पर और काम करना चाहता हूं। अपने खेल के लिए ज्यादा से ज्यादा फोकस रहना चाहता हूं। फिलहाल भारत पेट्रोलियम के लिए सुरजीत हॉकी टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहा हूं। यहां पर भी अपनी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन बरकरार रखना चाहता हूं।

मनप्रीत की कप्तानी को कैसे रेट करेंगे। किस तरह से पूरी टीम को साथ लेकर हैं चलते हैं वो ?
ललित उपाध्याय- मनप्रीत टीम को अच्छे से लीड कर रहे हैं। वो सभी को साथ लेकर चलते हैं खासकर युवा खिलाड़ियों को खूब सपोर्ट कर रहे हैं। सीनियर होने के नाते वो साथी खिलाड़ियों को अच्छे से गाइड करते हैं और टीम के साथ जितना काम कर रहे हैं उसका नतीजा आप मैदान पर देख सकते हैं।