A
Hindi News खेल अन्य खेल Asian Boxing Championships में भारतीय बॉक्सरों का कमाल, लवलीना समेत इन 4 ने जोता गोल्ड

Asian Boxing Championships में भारतीय बॉक्सरों का कमाल, लवलीना समेत इन 4 ने जोता गोल्ड

Asian Boxing Championships में भारतीय मुक्केबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया है।

Lovlina Borgohain- India TV Hindi Image Source : PTI लवलीना बोरगोहेन

Asian Boxing Championships: भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), परवीन हुड्डा (63 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अल्फिया खान (81 किग्रा से अधिक) ने जॉर्डन के अम्मान में चल रही एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शुक्रवार को स्वर्ण पदक जीते। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और 75 किग्रा भार वर्ग में पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग ले रही लवलीना ने उज्बेकिस्तान की रुजमेतोवा सोखीबा पर 5-0 से सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की जबकि परवीन ने जापान की किटो माई को इसी अंतर से हराया।

भारतीय बॉक्सरों का कमाल

इसके बाद स्वीटी और अल्फिया ने क्रमशः कजाकिस्तान की गुलसाया येरजान और जॉर्डन की इस्लाम हुसैली को हराकर स्वर्ण पदक जीता। स्वीटी ने येरजान को आसानी से हराया जबकि अल्फिया की प्रतिद्वंद्वी पहले राउंड में अयोग्य घोषित किये जाने के कारण बाहर हो गई। दूसरी तरफ मीनाक्षी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पदार्पण पर अपना अभियान फ्लाईवेट वर्ग (52 किग्रा) में रजत पदक जीतकर समाप्त किया। यह जीत 25 वर्षीय लवलीना के लिए मनोबल बढ़ाने वाली रही क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद वह खराब फॉर्म में चल रही थी। वह विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में शुरू में ही बाहर हो गई थी।

असम की यह मुक्केबाज 69 किग्रा से 75 किग्रा में खेलने लगी थी क्योंकि उनका पिछला भारवर्ग पेरिस ओलंपिक में शामिल नहीं है। दोनों मुक्केबाजों ने सहज शुरुआत की और एक दूसरे को हमला करने के लिए आमंत्रित किया लेकिन लवलीना ने जल्द ही कुछ दमदार मुक्के जमाकर अपना दबदबा कायम कर दिया।

लवलीना ने किया तगड़ा अटैक

इसके बाद दोनों ने एक दूसरे के हमले से बचने का भी प्रयास किया। लवलीना हालांकि कुछ करारे मुक्के जड़ने में सफल रही। उनका एक मुक्का इतना जबरदस्त था कि रेफरी को सोखीबा के लिए गिनती गिननी पड़ी। लवलीना का एशियाई चैम्पियनशिप यह तीसरा पदक है। उन्होंने 2017 और 2021 में वेल्टरवेट वर्ग में कांस्य पदक जीते थे। विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाई थी लेकिन उन्होंने यहां चौथी वरीयता प्राप्त माई के खिलाफ दबदबा बनाए रखा और सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज की। दोनों मुक्केबाजों ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की लेकिन शीर्ष वरीयता प्राप्त परवीन ने जल्द ही दबदबा बना दिया और अपनी प्रतिद्वंदी पर दनादन कई मुक्के जड़े।

पहला राउंड गंवाने के बाद माई ने वापसी की कोशिश की लेकिन परवीन पूरी तरह से तैयार थी और उन्होंने उसे कोई मौका नहीं दिया। भारतीय मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में अपने अपर कट का अच्छा नमूना पेश किया। मीनाक्षी पूरी कोशिश के बावजूद स्वर्ण पदक के मुकाबले में जापान की किनोशिता रिंका से विभाजित फैसले में 1-4 से हार गईं। दूसरी वरीय जापानी खिलाड़ी के खिलाफ मीनाक्षी की शुरुआती धीमी रही जबकि प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज ने इस भारतीय की सुस्ती का पूरा फायदा उठाया और पांच में से चार जज का फैसला अपने पक्ष में कराया। दूसरे दौर में भी मीनाक्षी सटीक मुक्के नहीं जड़ सकीं जबकि जापानी मुक्केबाज ने सही जगह पर मुक्के जड़कर अंक बटोरे और अच्छा बचाव किया। अंतिम तीन मिनट में मीनाक्षी ने शानदार वापसी की और मुक्कों के अच्छे तालमेल से अंक जुटाये जिससे उन्हें 1-4 से हार मिली।