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Hindi News खेल अन्य खेल Olympics 2036: भारत को कैसे मिलेगी 2036 ओलंपिक गेम्स की मेजबानी? दांव पर लगाने होंगे खरबों रुपये

Olympics 2036: भारत को कैसे मिलेगी 2036 ओलंपिक गेम्स की मेजबानी? दांव पर लगाने होंगे खरबों रुपये

2036 Summer Olympics: इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की 141वीं बैठक भारत में होने जा रही है। इस बैठक में भारत 2036 ओलंपिक गेम्स की मेजबानी के लिए बोली लगाने वाला है।

2036 Olympics- India TV Hindi Image Source : GETTY भारत को कैसे मिलेगी ओलंपिक की मेजबानी?

Bids for the 2036 Summer Olympics: भारत 2036 में होने वाले ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रहा है। मुंबई में 15 से 17 अक्टूबर, 2023 तक इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) की बैठक होने वाली है। ये IOC की 141वीं बैठक होगी है। बता दें बीजिंग में हुई IOC की 139वीं बैठक में फैसला हुआ था कि अगली बैठक भारत में होगी। उस वक्त किसी भी देश ने बैठक की मेजबानी का विरोध नहीं किया था। इससे भारत को ओलंपिक खेलों की मेजबानी मिलने की उम्मीद ज्यादा हो जाती है। आईओसी में कुल 101 सदस्य हैं। लेकिन भारत को 2036 ओलंपिक गेम्स की मेजबानी कैसे मिलेगी आइए समझते हैं। 

ओलंपिक की मेजबानी पर भारत की नजर 

भारत ने पहले 1982 के एशियाई खेलों और 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की है, अब अगला मिशन समर ओलंपिक है। वहीं, भारत 40 साल बाद IOC की बैठक की मेजबानी करने जा रहा है।  इससे पहले 1983 में दिल्ली में इस बैठक का आयोजन हुआ था। इस बैठक में  101 सदस्य होंगे जिसने पास मतदान का अधिकार है। इसके अलावा 45 माननीय और एक सम्मानित सदस्य हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं, इस बैठक में 50 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खेल संघ के अध्यक्ष और सचिव भी होंगे। 

Image Source : gettyIOC की 141वीं बैठक

कैसे मिलती है ओलंपिक की मेजबानी?

ओलंपिक खेल 4 साल बाद होते हैं। साल 2024 की मेजबानी पेरिस के पास है। 2028 में अमेरिका के लॉस एंजेलिस में खेल होने हैं। इसके बाद 2032 के लिए ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन को मेजबानी दी गई है। ओलंपिक एक बड़ा इवेंट है। इसके लिए पैसा, सुविधा और संसाधन सब कुछ चाहिए। बता दें ओलंपिक की मेजबानी के लिए 25 से ज्यादा खेलों और 310 इवेंट कराने की व्यवस्था मेजबान शहर के पास होनी ही चाहिए। इसके साथ ही 20 से ज्यादा हजार लोगों, जिनमें IOC मेंबर, गवर्मेंट्स एंबेसडर शामिल हैं, उनके ठहरने की व्यवस्था होनी चाहिए। इन खेलों के दौरान लाखों टूरिस्ट पहुंचे थे। ऐसे में IOC को बोली लगाकर बताना होता है कि कितना खर्च करेंगे। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को मेजबानी मिलती है। 

खरबों रुपये होते हैं खर्च 

2020 ओलंपिक की मेजबानी तोक्यो ने की थी। टोक्यो ओलंपिक में 2013 में मेजबानी के मिलने के समय लगाए गए अनुमान से लगभग दोगुना खर्च हुआ था। टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में लगभग 1.42 ट्रिलियन येन (लगभग 8.19 खरब रुपये) खर्च होने थे। लेकिन जब ये खेल संपन्न हुए थे तब आयोजकों ने इसमें 15.4 बिलियन डॉलर (लगभग 12 खरब रुपये) के खर्च होने का अनुमान लगाया था। हालांकि बाद में आयोजकों ने कहा कि इसकी कुल लागत 13.6 बिलियन डॉलर (लगभग 10.61 खरब रुपये) है. इसी तरह 2016 के ओलिंपिक खर्च की तो उसका आयोजन ब्राजील के रियो डि जेनेरो में हुआ था। उस समय कुल 13.2 बिलियन डॉलर खर्च किए गए थे।

Image Source : getty भारत में 40 साल बाद IOC की बैठक

नीता अंबानी की अहम भुमिका 

नीता अंबानी, जिन्होंने रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष के रूप में भारत में युवा खेलों की उन्नति में अहम योगदान दिया है, वह आईओसी सदस्य के रूप में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। नीता अंबानी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने फरवरी 2022 में बीजिंग में 139वें आईओसी बैठक में इसके लिए जमीन तैयार की थी। हाल ही में नीता अंबानी ने मुंबई में अपने आवास पर आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाच की मेजबानी की थी। थॉमस बाच को नीता अंबानी ने खुद अपने हाथों से आरती उताकर स्वागत किया। 

Image Source : gettyओलंपिक की मेजबानी पर भारत की नजर

ओलंपिक में खेले जाने वाले खेल

एक्वेटिक्स (डाइविंग, मैराथन स्विमिंग, आर्टिस्टिक स्विमिंग, स्विमिंग, वाटर पोलो), तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल (बास्केटबॉल 3x3 सहित), ब्रेकिंग, बॉक्सिंग, केनोई, साइकिलिंग (रोड साइकलिंग, साइकिलिंग ट्रैक, माउंटेन बाइकिंग, बीएमएक्स फ्रीस्टाइल, बीएमएक्स रेसिंग), घुड़सवारी, फेंसिंग, फुटबॉल, गोल्फ, जिमनास्टिक (आर्टिस्टिक जिमनास्टिक, रिदमिक जिमनास्टिक, ट्रैम्पोलिन), हैंडबॉल, हॉकी, जूडो, मॉडर्न पेंटाथलॉन, रोइंग, रग्बी सेवन्स, सेलिंग, शूटिंग, स्केटबोर्डिंग, स्पोर्ट्स क्लाइबिंग, सर्फिंग, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, टेनिस, ट्रायथलॉन, वॉलीबॉल (बीच वॉलीबॉल सहित), वेटलिफ्टिंग और कुश्ती।