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Hindi News टेक न्यूज़ 'whatsapp की नीतियां यूजर्स को निगरानी से बचाने के लिए नाकाफी'

'whatsapp की नीतियां यूजर्स को निगरानी से बचाने के लिए नाकाफी'

वाट्सएप द्वारा अपने दुनिया भर के करोड़ों प्रयोक्ताओं के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्सन को बाई डिफाल्ट अपनाने के बावजूद इंस्टैंट मैसेजिंग एप की नीतियां इतनी कमजोर हैं कि वह अपने यूजर्स की निजता को सरकारों से नहीं बचा सकती है।

Whatsapp- India TV Hindi Image Source : PTI Whatsapp

सैन फ्रांसिसको: वाट्सएप द्वारा अपने दुनिया भर के करोड़ों प्रयोक्ताओं के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्सन को बाई डिफाल्ट अपनाने के बावजूद इंस्टैंट मैसेजिंग एप की नीतियां इतनी कमजोर हैं कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी को सरकारों से नहीं बचा सकती है। ऐसा डिजिटल अधिकार समूह की नई रिपोर्ट में कहा गया है। इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन की 'कौन आपके पीछे है' शीर्षक वाली सालाना रपट में कहा गया कि यहां तक कि एपल, फेसबुक और गूगल अपने यूजर्स की निजता के लिए पूरी तरह से खड़े हो सकते हैं।

इस हफ्ते जारी इस रिपोर्ट में बताया गया, "वाट्सएप स्पष्ट रूप से यह स्पष्ट नहीं करता है कि यह अपने यूजर्स के आंकड़ों तक तीसरे पक्ष की पहुंच को रोकता है, ना ही यह कहता है कि तीसरे पक्षों को वाट्स एप के यूजर डेटा के निगरानी के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने से मना किया गया है।" इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन (ईएफएफ) अभूतपूर्व निगरानी के इस युग में कई प्रौद्योगिकी कंपनियों की छानबीन की है कि वे अपनी यूजर्स नीति के बारे में क्या कहते हैं।