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Google, Apple और Meta की बढ़ी मुश्किल, हो सकती है बड़ी कार्रवाई, जानें वजह

Google, Apple और Meta पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इन तीनों बड़ी टेक कंपनियों पर डिजिटल मार्केटिंग ऐक्ट के उल्लंघन की जांच चलाई जा रही है। यूरोपीय यूनियन ने पिछले दिनों इस ऐक्ट को लागू किया है।

Google, Apple, Meta- India TV Hindi Image Source : FILE Google Apple and Meta to Face First Digital Markets Act

Google, Apple और Meta (Facebook) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इन तीनों दिग्गज टेक कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इन कंपनियों पर यूरोपीय यूनियन (EU) के डिजिटल मार्केटिंग ऐक्ट (DMA) के उल्लंघन की जांच चलाई जा रही है। यूरोपीय यूनियन ने इस साल 7 मार्च 2024 को डिजिटल मार्केटिंग ऐक्ट लागू कर दिया था। इस नियम के तहत बड़ी डिजिटल कंपनियां को छोटी कंपनियों के ग्रोथ में अवरोध पैदा नहीं करने का प्रावधान है। अगर, कोई बड़ी कंपनी ऐसा करते हुए पाई जाती है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केटिंग ऐक्ट में अगर कोई डिजिटल कंपनी अपने प्रतिद्वंदी छोटी डिजिटल कंपनियों को पनपने में जान-बूझकर अवरोध पैदा करते हुए पाई जाएगी तो उसे अपने ग्लोबल रेवेन्यू का 10 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। यूरोपीय यूनियन के साथ-साथ भारत और अमेरिका में भी बड़ी डिजिटल कंपनियों का दबदबा खत्म करने के लिए  कानून बनाए जाने की बात चल रही है।

गाइडलाइंस पूरा करने की कोशिश

U.S एंटीट्रस्ट रेगुलेटर्स ने भी बड़ी टेक कंपनियों को एंटी-कंपीटिटिव प्रैक्टिस न करने की हिदायत दी है। वहीं, बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों का कहना है कि वे यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट्स ऐक्ट (Digital Markets Act) के 6 गेटकीपर्स की जरूरतों के लिए हजारों इंजीनियर्स को डिप्लॉय किया है, ताकि डिजिटल मार्केट्स ऐक्ट की गाइडलाइंस को पूरी की जा सके।

रायटर्स के मुताबिक, यूरोपीय कमीशन का कहना है कि टेक कंपनियों द्वारा उठाए गए कदम DMA के कंप्लायंसेज के लिए नाकाफी हैं। हालांकि, इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूरोपीय यूनियन ने महज दो सप्ताह पहले यह ऐक्ट लागू किया है और वो कार्रवाई करने के लिए तत्पर दिखाई दे रहे हैं। 

टेक कंपनियां कर रहीं जरूरी बदलाव

वहीं, Apple, Google, Meta और Amazon जैसे बड़ी टेक कंपनियां यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट ऐक्ट के कंप्लायंसेज को पूरा करने के लिए अपनी सर्विसेज में बदलाव कर रही है। एप्पल ने बताया कि यूरोपीय यूनियन के इस नए नियम के तहत कंपनी अपने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम iOS के लिए कई तरह के बदलाव कर चुकी है। अब यूजर्स एप्पल के डिफॉल्ट ब्रॉउजर के अलावा अन्य ब्राउजर को भी अपने डिवाइस में यूज कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें सॉफ्टवेयर अनइंस्टॉल करने की भी सहूलियत मिल गई है। यूजर्स अब अपने iPhone में एप्पल के सफारी ब्राउजर के अलावा अन्य प्रतिद्वंदी कंपनियों के ब्राउजर इंस्टॉल कर सकते हैं।