समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पासपोर्ट रखने के मामले में सात साल की सजा हुई है। अब्दुल्ला आजम दो पैन कार्ड रखने के मामले में पहले सजा काट रहा है। ऐसे में इस सुनवाई के दौरान उसकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। इस मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि अब्दुल्ला ने अलग-अलग जन्मतिथि का उपयोग कर दो पासपोर्ट बनवाए, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया था कि झूठे और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कराया गया और इन दस्तावेजों का उपयोग भी किया गया, जो पासपोर्ट अधिनियम के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। सुनवाई के दौरान आजम का दोष साबित हुआ और उसे सजा सुनाई गई।
रामपुर जेल में ही रहेंगे आजम खान और अब्दुल्ला
19 नवंबर को रामपुर की विशेष सांसद /विधायक अदालत ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर जेल में ही रखने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा कि बिना पूर्व अनुमति के उन्हें किसी अन्य जेल में स्थानांतरित न किया जाए। अदालत ने यह भी निर्देशित किया कि आजम खान को 'सुपीरियर क्लास जेल' उपलब्ध कराई जाए और उनके स्वास्थ्य को देखते हुए समुचित मेडिकल सुविधा भी मुहैया कराई जाए। आजम ने रामपुर जिला जेल में ही रखे जाने की मांग करते हुए एक आवेदन दाखिल किया था। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य और अपने खिलाफ 100 से ज्यादा मामलों का हवाला दिया था। साथ ही अपने बेटे के खिलाफ लगभग 45 मामलों का भी हवाला दिया था, जिनमें से ज़्यादातर की सुनवाई रामपुर में हो रही है। आजम खान ने यह भी अनुरोध किया था कि उनके बेटे को भी रामपुर जेल में उनके साथ रखा जाए क्योंकि उनकी सेहत को देखते हुए उन्हें बेटे के सहारे की जरूरत है।
(रामपुर से सैयद आमिर की रिपोर्ट)
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