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Hindi News उत्तर प्रदेश अयोध्या: राम मंदिर की टेंट सिटी में डॉक्टरों ने बनाया अस्पताल, यहां रामभक्तों का किया जा रहा मुफ्त इलाज

अयोध्या: राम मंदिर की टेंट सिटी में डॉक्टरों ने बनाया अस्पताल, यहां रामभक्तों का किया जा रहा मुफ्त इलाज

यह अस्थाई अस्पताल 15 जनवरी से शुरू हुआ है और 15 फरवरी तक अयोध्या में अपनी सेवाएं देगा। यहां डॉक्टरों की 3-3 की ड्यूटी लगाई जा रही है। यहां मरीजों का इलाज और उन्हें दवाएं भी मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही हैं।

Ayodhya, Ram Mandir - India TV Hindi Image Source : INDIA TV राम मंदिए की टेंट सिटी में डॉक्टरों ने बनाया अस्पताल

अयोध्या: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इस कार्यक्रम के लिए अयोध्या में युद्ध स्तर की तैयारी की जा रही है। राम मंदिर निर्माण में देशभर के लोग अपने अनुसार सहयोग कर रहे हैं। किसी ने आर्थिक रूप से मंदिर निर्माण में सहयोग किया तो किसी ने अन्य तरीके से इसमें अपना योगदान दिया। अब जब अयोध्या में हेर रोज लाखों रामभक्त अपने रामलला के दर्शन करने आएंगे तो इसके लिए देशभर के डॉक्टरों ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

अस्पताल में किया जा रहा मुफ्त इलाज 

अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डॉक्टरों से जुड़े संगठन नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (NMO) ने बिगेसी के तीर्थपुरम में बनी टेंट सिटी में अस्पताल बनाया है। इस अस्पताल ने मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। इसी अस्पताल में मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टर प्रमेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि यहां देशभर के 500 से ज्यादा डॉक्टर अपनी सेवाएं देने आएंगे। यह मेडिकल कैंप 15 जनवरी से 15 तक लगाया जाएगा।

3-3 दिन तक लगभग 500 चिकित्सक देंगे सेवाएं 

उन्होंने बताया कि इस कैंप के लिए देश के कई डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जिसमें से लगभग 500 डॉक्टरों का चयन किया गया। अब इन डॉक्टरों को 3-3 दिन तक अपनी सेवाएं देनी हैं। इस दौरान यहां मरीजों की जांच से लेकर उनको दी जाने वाली दवाएं तक सब मुफ्त में होगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इसी अस्थाई मेडिकल कैंप में एक्सरे, ब्लड और शुगर समेत कई जांच मशीने भी लगवाई गई हैं।

Image Source : INDIA TVमरीजों को दी जा रही मुफ्त दवाएं

अयोध्या में कई सदियों बाद आया बदलाव 

प्रमेंद्र माहेश्वरी बताते हैं कि अयोध्या में कई सदियों बाद बदलाव आ रहा है। रामलला के दर्शन और उनके पूजन के लिए देश-दुनिया से भक्त आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या ना हो, इसके लिए यह कैंप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस मेडिकल कैंप में हर रोज सैकड़ों मरीज आ रहे हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। अगर किसी मरीज को किसी वजह से भर्ती करना पड़ता है तो इसके लिए 10 बेड भी लगाए गए हैं।

अब अयोध्या की सड़कों पर भक्ति और श्रद्धा के भाव 

वहीं अयोध्या में हुए बदलाव को बताते हुए प्रमेंद्र माहेश्वरी बताते हैं कि वह पहली बार यहां साल 1990 में आए थे। उस समय जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का ढांचा था। इसके बाद वह साल 2010 में यहां आये। उस दौरान रामलला एक टेंट में विराजित थे। लेकिन अब रामलला भव्य मंदिर में विराजित होंगे। पिछले कुछ वर्षों में अयोध्या में एक बदलाव आया है। पहले यहां की सड़कों पर एक डर रहता था लेकिन अब उसकी जगह आस्था और भव्यता ने ले ली है। इस अयोध्या को भव्य बनाने में समाज के सभी वर्गों ने योगदान दिया है। 

उन्होंने कहा कि इस मंदिर के निर्माण में और उसके बाद होने वाले आयोजनों में सभी अपना योगदान दे रहे हैं। हम डॉक्टर हैं तो हम अपने अनुसार सेवा कर रहे हैं। वे कहते हैं कि त्रेतायुग में समुद्र पर जैसे रामसेतु बनाने के दौरान गिलहरियों ने अपना योगदान दिया था, वैसे ही हम चिकित्सक अपना छोटा सा सहयोग कर रहे हैं।