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Hindi News उत्तर प्रदेश खाप पंचायत ने पीएम मोदी से की मांग-खेल संस्थाएं राजनीतिक लोगों के हाथों में नहीं, खिलाड़ियों को सौंपी जाएं

खाप पंचायत ने पीएम मोदी से की मांग-खेल संस्थाएं राजनीतिक लोगों के हाथों में नहीं, खिलाड़ियों को सौंपी जाएं

सर्वखाप की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की गई है कि देश के सभी खेल संस्थाओं एवम प्राधिकरण में राजनीतिक लोगों की नियुक्ति बंद होनी चाहिए और इनके संचालन की जिम्मेदारी खिलाड़ियों को ही सौंपी जानी चाहिए।

Khap panchayat demands- India TV Hindi खाप पंचायतों की मांग-खिलाड़ियों को दें खेल संस्थाएं

दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के ख्याति नाम पहलवानों का प्रदर्शन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के संगीन आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद एफ. आई. आर. भी दर्ज हो चुकी है और अब लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग उठ रही है। इस बीच सर्वखाप पंचायत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की गई है कि देश के सभी खेल संस्थाओं एवम प्राधिकरण में राजनीतिक लोगों की नियुक्ति बंद होनी चाहिए और इनके संचालन की जिम्मेदारी खिलाड़ियों को ही सौंपी जानी चाहिए।

खाप पंचायत ने उठाई मांग

उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए कहा है कि गांव देहात और किसान परिवारों के बच्चे अपनी मेहनत और लगन से दुनिया में देश का नाम रौशन करते हैं। मगर खेल संस्थाओं में घुसपैठ किए बड़े-बड़े पदों पर बैठे राजनीतिक लोग खेल संगठनों को भी राजनीतिक का अड्डा बना रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी से हमारी स्पष्ट मांग है कि देश के सभी शीर्ष खेल संस्थाओं और प्राधिकरण में राजनीतिक लोगों के बजाय देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों को जिम्मेदारी दी जाए।

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खेल जगत से जुड़े लोग ही बेहतर समझ रखते हैं

चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि लगभग हर जगह यही देखने को मिलता है कि स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश और देश स्तर तक सभी खेलों के संचालन संस्थाओं में राजनीतिक लोग ही पर पदों पर कब्जा किए बैठे हैं। वही खिलाड़ियों के भविष्य और देश में खेलों के विकास से जुड़े मनमाने फैसले करते हैं। जबकि खेलों के बारे में, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और मदद देने में और देश में खेलों को बढ़ावा देने में अधिक कारगर तरीके से खिलाड़ी और खेल जगत से जुड़े लोग ही समझ रखते हैं और बेहतर काम कर सकते हैं। इसीलिए हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर यह मांग रखी है कि खेलों को राजनीतिक गुटबाज़ी और खेल संगठनों के पदों को राजनीतिक लोगों को रेवड़ियों की तरह देने की परंपरा बंद होनी चाहिए।