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Hindi News उत्तर प्रदेश पैसे देकर SC-ST वर्ग के लोगों का धर्म परिवर्तन कराती थी पादरी की पत्नी, पुलिस को मिले लाखों डॉलर के ट्रांजेक्शन

पैसे देकर SC-ST वर्ग के लोगों का धर्म परिवर्तन कराती थी पादरी की पत्नी, पुलिस को मिले लाखों डॉलर के ट्रांजेक्शन

पैसों का लालच देकर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्यों का धर्म परिवर्तन कराने पहले पादरी महेंद्र कुमार गिरफ्तार हुआ था अब जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है।

arrested- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE गाजियाबाद से पादरी की पत्नी गिरफ्तार

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पैसों का लालच देकर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्यों का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार पादरी महेंद्र कुमार की पत्नी सीमा को पुलिस ने हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इन्हीं आरोपों में इससे पहले बुधवार को पादरी महेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था। मोदीनगर के अपर पुलिस आयुक्त (एसीपी) ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि पादरी और उसकी पत्नी 10 बैंक खाते चला रहे थे। 

लाखों रुपये और डॉलर का लेन-देन, गरीबों को करते थे टारगेट
पुलिस को जांच के दौरान उनके बैंक खातों में लाखों रुपये और डॉलर के लेन-देन का पता चला है। राय ने बताया कि पुलिस ने पादरी और उसकी पत्नी के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं और फोन के रिकॉर्ड की जांच कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मुंबई और चेन्नई के एक-एक व्यक्ति के बारे में भी पता चला है, जो इस गिरोह का हिस्सा हैं। पादरी के खिलाफ कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शुरू की गई थी कि कुछ लोग मोदीनगर इलाके के गरीब लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाल रहे थे और उन्हें धन की पेशकश कर रहे थे। 

विदेशों से अपने ट्रस्ट में मंगाते थे पैसा
पादरी महेंद्र कुमार और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 23 जुलाई को मोदीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मोदीनगर के एसीपी ने कहा था कि कुमार और उसकी पत्नी बेथलहम गॉस्पेल नाम से एक ट्रस्ट संचालित कर रहे थे और विदेशों से धन प्राप्त कर रहे थे जिसका इस्तेमाल गरीब लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए लालच देने के लिए किया जाता था। उन्होंने बताया था, ‘‘कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धर्मांतरण रोधी कानून की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।'' 

(इनपुट- PTI)

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