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दुनिया का इकलौता स्थान जहां होता है 5 नदियों का संगम

जालौन से पचनद की दूरी 65 किलोमीटर है। यह स्थान रामपुरा ब्लाक में पड़ता है और ये दुनिया का इकलौता स्थान है जहां पर पांच नदियों का संगम होता है। पचनद में यमुना, चम्बल, सिंध, पहुज, क्वांरी नदियां बहती हैं।

पचनद- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA पचनद

आपने अभी तक 2 या तीन नदियों के संगम के बारे में देखा और सुना होगा। जैसे कि प्रयागराज में तीन नदियों का संगम होता है। प्रयागराज को तिर्थराज भी कहा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां 5 नदियों का संगम होता है। इस स्थान को पचनद केनाम से जाना जाता है। ये जगह जालौन और इटावा के सीमा पर स्थित है। इसे आप प्रकृत का उपहार ही माने क्योंकि ऐसा अनोखा संगम बहुत ही कम देखने को मिलता है। 

इस जगह पर होता है 5 नदियों का संगम

दुनिया में ये ऐसी इकलौती जगह है जहां 5 नदियों का संगम होता है। पहचनद में यमुना, चंबल, सिंध, कुंवारी और पहज नदियों का मिलन होता है। पचनद को महा तीर्थराज के नाम से भी जाना जात है। हर साल यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। शाम ढलने के साथ ही यहां का नजारा काफी खूबसूरत हो जाता है। वैसे तो पचनद को लेकर कई कहानियां भी काफी मशहूर हैं लेकिन इस कहानी की जिक्र हर कोई करता है। कहा जाता है कि महाभारत में पांडव अपने अज्ञातवास के दिनों में यहीं पचनद के आसपास ही रहते थे। भीम ने इसी स्थान पर बकासुर का वध किया था।

तुलसीदास गोस्वामी ने ली थी एक ऋषि की अग्नि परीक्षा

इससे जुड़ी एक और भी कहानी प्रचलित है। यहां के लोगों का मानना है कि यहां के ऋषि मुचकुंद की यशस्वी गाथा सुनकर एक बार तुलसीदास जी ने उनकी परीक्षा लेने की ठानी। तुलसी दीस जी इस जगह पर आए और पानी पिलाने के लिए आवाज लगाई। तब ऋषि मुचकुंद ने अपने कमंडल से जो जल छोड़ा वह कभी खत्म नहीं हुआ और तुलसीदास जी को ऋषि मुचकुंद के प्रताप को स्वीकार करना पड़ा और वह उनके सामने नतमस्तक हो गए।

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