होटल और मोटल में क्या अन्तर है, आज जान ही लीजिए; नहीं तो हो जाएगा तगड़ा नुकसान
Interesting Facts: सोशल मीडिया पर आपने होटल और मोटल के बारे में तो पढ़ा ही होगा। आज हम आपको बताते हैं इन दोनों टर्म में क्या अंतर है ? हालांकि, ये बहुत कम लोगों को पता ही है।

Interesting Facts: जब भी लोग सैर-सपाटे के लिए घर से बाहर निकलने वाले होते हैं तो उस दूसरी जगह रहने की व्यवस्था और खान-पान की व्यस्था पहले से कर लेते हैं। ऑनलाइन बुकिंग जैसे विकल्प से लोगों के रुकने इत्यादि की व्यवस्था पहले ही हो जाती है। ठहरने की व्यवस्था लोग आमतौर पर होटल में ही कराते हैं जहां उनको खाने के साथ टीवी, फ्रिज, बच्चों का प्ले गार्डन और रूम सर्विस जैसी सहूलियतें मिल जाती हैं। इससे इतर हाईवे से जाने पर इक्का—दुक्का शहरों में मोटल दिखते होंगे जिन्हें देखने के बाद आप भी सोचते होंगे कि आखिर ये क्या है ? ये बातें हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर अक्सर यूजर्स के बीच होटल और मोटल का कन्फ्यूजन दिखाई देता है। क्या आपको पता है कि, दोनों शब्दों में क्या अंतर है ?
होटल क्या होते हैं
ये तो आप जानते ही हैं कि, जिस जगह पर गेस्ट को खास सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं वो जगह होटल कहलाती है। यहां पर बेड, बाथरूम, बाथरोब, खाना खाने के लिए ड्राइनिंग एरिया, स्विमिंग पूल, बार जैसी कई और सुविधाएं भी होती हैं। होटलों को प्राय: 1स्टार, 2 स्टार, 3 स्टार, 4 स्टार, 5 स्टार, 7 स्टार श्रेणी में बांटा जाता है।
अब मोटल के बारे में जानें
गौरतलब है कि, मोटर और होटल से मिलकर 'मोटल' बना है। इनका प्रचलन भारत की अपेक्षा विदेशों में ज्यादा है। हालांकि, भारत में संभवत: इक्का—दुक्का जगहों पर ये आपको मिल जाएंगे। मोटल अधिकतर हाईवे पर ही होते हैं। लंबे समय से सफर करने वाले यात्रियों के आराम के लिए ही मोटल बनाए जाते हैं ताकि लोग रुककर आराम कर सकें। यहां पर होटल जैसी सभी सुविधाएं नहीं होतीं मगर सोने के लिए बेसिक सुविधाएं मिल जाती हैं। मोटल में होटल की भांति बड़े और लग्जरी कमरे नहीं होते हैं और इनका खर्च भी कम होता है।
होटल और मोटल में अन्तर
यदि आपको होटल और मोटल के बीच का अन्तर जानना है तो आपको अब ये भी बता देते हैं। दरअसल, दोनों का डिजाइन और ले-आउट बिल्कुल अलग होता है। जहां एक ओर होटल में बड़ी संख्या में कमरे, लिफ्ट और रेस्तरां, बार, पूल, स्पा, रेस्तरां, फिटनेस सेंटर,पब्लिक एरिया, कॉन्फ्रेंस रूम, वाई-फाई, एक तिजोरी समेत कई सुविधाएं होती हैं। होटलन में लॉबी या रिसेप्शन एरिया भी होता है। मगर मोटल में इतना कुछ नहीं होता है बल्कि मोटल पुराने समय के धर्मशाला के कॉन्सेप्ट पर बना है। ये आम तौर पर बहुत छोटे होते हैं। मोटल में ऊंची बिल्डिंग भी नहीं होती है और यहां प्रत्येक कमरे के पास पार्किंग की जगह होती है।
होटल और मोटल में सुविधाएं
आपको एक और बात पता होनी चाहिए कि कई मोटल आपको बेसिक सुविधाएं ही देंगे और कभी-कभी खाने-पीने की सुविधा देंगे। मगर समग्र तौर पर देखें तो होटल की सुविधाएं मोटल की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। होटल में काफी सुविधाएं मिल जाती हैं जिससे कस्टमर होटल में ही ठहर सकें। हालांकि, मोटल में आपको होटल की तरह बार, पूल, स्पा जैसी सभी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
कीमतों में बड़ा अन्तर
होटल और मोटल के बीच कीमत का अंतर जानना काफी जरूरी हो जाता है। भारत में एक होटल में एक रात रुकने का किराया 2000 रुपये से लाखों तक है। वहीं मोटल की बात करें तो यहां रुकना इतना अनाप—शनाप खर्चे वाला नहीं है। बता दें कि, मोटल इसलिए भी सस्ते होते हैं क्योंकि उन्हें होटलों की तुलना में ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत नहीं होती।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया और रिपोर्ट्स में किए गए दावों पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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