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Hindi News पश्चिम बंगाल केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मतुआ समुदाय के सदस्य के घर फर्श पर बैठकर किया भोजन

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मतुआ समुदाय के सदस्य के घर फर्श पर बैठकर किया भोजन

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को कोलकाता के उत्तर में स्थित बगुईहाटी में मतुआ समुदाय के एक सदस्य के घर गए और वहां पर दोपहर का भोजन किया। समुदाय के एक सदस्य नवीन बिस्वास के घर जाने से पहले शाह मोहल्ले में स्थित मतुआ समुदाय के एक मंदिर में गए और वहां कुछ समय व्यतीत किया।

Amit Shah eats lunch at the house of a Matua family- India TV Hindi Image Source : PTI Amit Shah eats lunch at the house of a Matua family

कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को कोलकाता के उत्तर में स्थित बगुईहाटी में मतुआ समुदाय के एक सदस्य के घर गए और वहां पर दोपहर का भोजन किया। समुदाय के एक सदस्य नवीन बिस्वास के घर जाने से पहले शाह मोहल्ले में स्थित मतुआ समुदाय के एक मंदिर में गए और वहां कुछ समय व्यतीत किया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ शाह ने गौरांगनगर क्षेत्र में नवीन बिस्वास के दो मंजिला मकान में फर्श पर बैठकर दोपहर का भोजन किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता को एक थाली में केले के पत्ते पर शाकाहारी बंगाली भोजन परोसा गया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि रोटी, छोलार (चना) दाल, चावल, शुक्तो (प्रसिद्ध बंगाली व्यंजन), मूंग दाल, तले हुए बैंगन, चटनी परोसे गए। बिस्वास परिवार के सभी छह लोगों ने शाह के साथ खाना खाया। शाह के दौरे के पहले एहतियाती तौर पर बिस्वास ने अपने परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ कोविड-19 की जांच करायी थी।

बिस्वास ने कहा, ‘‘अपने घर में केंद्रीय गृह मंत्री की मेजबानी कर मैं बहुत खुश हूं।’’ भाजपा नेता के दौरे के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी थी और उनके पहुंचने के पहले सारी दुकानों को बंद करा दिया गया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि भोजन के बाद शाह ने परिवार के सदस्यों तथा इलाके में रह रहे मतुआ समुदाय के दूसरे सदस्यों के साथ बातचीत की।

अगले साल अप्रैल-मई में राज्य में विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी के संगठनात्मक कार्यों का जायजा लेने के लिए शाह प्रदेश के दो दिनों के दौरे पर हैं। राज्य में शुक्रवार को उनके दौरे का अंतिम दिन था। कृषि से जुड़े मतुआ समुदाय की आबादी पश्चिम बंगाल में तीन करोड़ से अधिक है और राज्य की ध्रुवीकृत राजनीति में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।

समुदाय का इतिहास पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) से जुड़ा है। बंटवारे और बांग्लादेश बनने के बाद समुदाय के कई लोग आए और पश्चिम बंगाल के उत्तरी और दक्षिण 24 परगना, नादिया, माल्दा और कूच बिहार जिलों में बस गए। राजनीतिक रूप से समुदाय के अधिकतर सदस्यों को तृणमूल कांग्रेस के समर्थक के तौर पर देखा जाता है।