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Hindi News पश्चिम बंगाल भाजपा गैस का गुब्बारा है, जो केवल मीडिया में ही जिंदा है: ममता बनर्जी

भाजपा गैस का गुब्बारा है, जो केवल मीडिया में ही जिंदा है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ''गैस का गुब्बारा है, जो केवल मीडिया में ही जिंदा है'' और यह दागियों के लिये ''वाशिंग मशीन'' भी है।

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ''गैस का गुब्बारा है, जो केवल मीडिया में ही जिंदा है'' और यह दागियों के लिये ''वाशिंग मशीन'' भी है। बनर्जी ने कहा कि टीएमसी छोड़ भाजपा में जाने वालों ने ऐसा इसलिये किया ताकि उन्होंने जो पैसा जमा किया है, उसे सुरक्षित रखा जा सके। 

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित अखिल भारतीय उचित दर दुकान डीलर संघ के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''चिंता की कोई बात नहीं है। 'मां, माटी और मानुष' सरकार (टीएमसी का नारा) राज्य की सत्ता में बरकरार रहेगी, भाजपा गैस का गुब्बारा है, जो केवल मीडिया में ही जिंदा है। उनके पास पैसा है और सड़कों पर (पार्टी के) झंडे लगाने के लिये एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''उन्हें ऐसा करने और मीडिया में जिंदा रहने दीजिये। टीएमसी आपके दिलों में जिंदा रहेगी। आप मुझे आश्वस्त कीजिये, मैं आपका (अच्छा) भविष्य सुनिश्चित करूंगी।'' 

बनर्जी ने कहा, ''डकैतों ने अचानक बहुत पैसा जमा कर लिया है। अब वे भाजपा नामक वाशिंग मशीन के पास जा रहे हैं, जहां वे कालाधन डालकर सफेद धन निकाल सकें। वे केवल पैसे के लिये वहां जा रहे हैं और किसी वजह से नहीं। मैं उन्हें चुनाव लड़ने के लिये टिकट नहीं देने वाली थी। मैं उन लोगों को टिकट क्यों दूं, जिन्होंने खराब काम किया है। लोगों को खुशी होगी जब मैं उनकी बजाय नए लोगों को टिकट दूंगी।'' 

इस दौरान बनर्जी ने राशन डीलर लाइसेंस की नियमित एक वर्ष की अवधि को बढ़ाकर तीन वर्ष करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार किसी राशन डीलर की मौत होने की सूरत में उसके परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करेगी। बनर्जी ने नई राशन डीलरशिप के लिये लाइसेंस खरीदने के आवेदन शुल्क को पांच लाख रुपये से कम कर दो लाख रुपये करने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग कभी भी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर सकता है।