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Hindi News पश्चिम बंगाल BJP नेता की हत्या से जुड़े केस में हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को लताड़ा, 2021 का है मामला

BJP नेता की हत्या से जुड़े केस में हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को लताड़ा, 2021 का है मामला

भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता की हत्या से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि इसमें शामिल पुलिसवालों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।

Calcutta High Court, Calcutta High Court Bengal Police, Bengal Police- India TV Hindi Image Source : CALCUTTAHIGHCOURT.GOV.IN कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस से नाराजगी जताई है।

कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की पुलिस को लताड़ लगाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने पूर्वी मिदनापुर के दांतन में भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय कार्यकर्ता की कथित हत्या के मामले में FIR दर्ज करने में कथित तौर पर अनिच्छा दिखाई थी। कोर्ट ने इसी मामले पर बंगाल पुलिस के साथ अपनी नाराजगी जताई। जस्टिस जय सेनगुप्ता की बेंच ने तो यहां तक कह दिया कि इस मामले में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की जरूरत है।

‘पुलिस ने कोरे कागज पर साइन करने का दबाव बनाया था’

जस्टिस सेनगुप्ता ने 2021 में पिछले राज्य विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद पूर्वी मिदनापुर जिलों के दांतन में स्थानीय बीजेपी नेता की कथित हत्या पर एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मामले में FIR दर्ज करने के बजाय, स्थानीय पुलिस ने उन पर यह स्वीकार करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया कि पात्रा की मृत्यु दुर्घटना से हुई थी। पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में उनसे एक कोरे कागज पर साइन करने के लिए भी दबाव बनाने की कोशिश की।

मृतक के परिजनों ने किया था कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख

सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले में संबंधित प्रभारी निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक और पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से भी शिकायत की है। हालांकि, इनमें से किसी भी पक्ष से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट का रुख किया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ सालों से सियासी दुश्मनी के चलते हत्याओं का एक लंबा सिलसिला चला है और विरोधी दल के नेता ऐसी घटनाओं को लेकर सरकार को अक्सर घेरते रहते हैं।