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ख़ूंख़ार हसीना को ISIS से मोहभंग पड़ा मंहगा, गवां दी जान

इस्लामिक स्टेट में शामिल के लिये ऑस्ट्रेलिया से भागकर सीरिया गई एक लड़की को उसके ही आतंकियों ने पीट पीटकर मार डाला। इस लड़की का ISIS से मोह भंग हो गया था और उसने भागने

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इस्लामिक स्टेट में शामिल के लिये ऑस्ट्रेलिया से भागकर सीरिया गई एक लड़की को उसके ही आतंकियों ने पीट पीटकर मार डाला। इस लड़की का ISIS से मोह भंग हो गया था और उसने भागने की कोशिश की मगर मगर पकड़ी गई थी।

17 साल की सामरा केसीनोविच और उसकी सहेली सबीना सेलिमोविच अप्रैल 2014 में सीरिया आीं थी और ISI की 'पोस्टर गर्ल'  बन गईं थी।

ऑस्ट्रेलिया के कई अख़बारों ने लिखा है कि सामरा को ISIS के गढ़ राक़्का से भागने की कोशिश के जुर्म में पीट पीटकर मार डाला। सरकारी सूत्रों ने इसस ख़बर की पुष्टि नहीं की है।

एक स्थानीय अख़बार ने ट्यूनेशिया की एक महिला के हवाले से ये ख़बर दी है जो सामरा और सबीना के साथ रहती थी। इस महिला ने कहा कि वह ISIS के चंगुल से भागने में सफल हो गई थी।  

संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी के अनुसार इस साल वियेना से सीरिया गईं ऑस्ट्रेलिया की दो लड़कियों से एक मारी गई है।
ये दोनों पहले विमान से टर्की की राजधानी अंकारा गईं और फिर अदाना पहुंच गईं थी। इसके बाद उनके बारे में कुछ पता नहीं चल सका लेकिन वे बाद में कैलाशनिकोव रायफ़ल्स के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट पर नज़र आईं।

समझा जाता है कि वियेना में रह रहे बोस्निया के इस्लाम धर्म प्रचारक मीरसाद ने इन दोनों लड़कियों की मतिभ्रष्ट की थी और 'जिहाद' के लिये उकसाया था हालंकि वह इस आरोप का खण्डन करता है। उसे नवंहर में ऑस्ट्रिया स्थित एक तथाकथित आतंकी नेटवर्क के लिये धन जुटाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।  

माना जाता है कि सामरा और सबीना ने सीरिया पहुचकर IS के आतंकियों से शादी कर ली थी। दोनों दपंत्तिया पहले एक ही कमरे में रहती थी लेकिन बाद में 15 वर्षीय सबीना दूसरे फ़्लैट में शिफ़्ट हो गई।

फ़्रांस के साप्ताहिक से SMS संदेशों के ज़रिये सबीना ने उसके गर्भवती होने की ख़बरों का खण्डन किया और कहा कि वह सीरिया में ख़ुश है और अपनी मर्ज़ी के अनुसार धर्म का पालन कर रही है जो ऑस्ट्रिया में संभव नहीं था।

पत्रिका ने कहा कि सबीना ने अपने पति से इजाज़त मिलने के बाद ही उनसे बात की  और उस समय उसका पति भी कमरे में मौजूद था।
सबीना ने बताया कि ऑस्ट्रिया से टर्की पहुंचने के बाद उन्होंने पैदल चलकर सीमा पार की और सीरिया पहुंच गईं। उनके पास कपड़ों के सिवाय कुछ नहीं था।

माना जाता है कि ऑस्ट्रिया से 130 लोग सीरिया जिहाद के लिये गए हैं। विशेषज्ञों क का कहना है कि इनमें से आधे लोग रुस के कॉकेसस क्षेत्र के हैं जिन्हें चेचन्य युद्ध के बाद ऑस्ट्रिया मे शरण दी गई थी।

 

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