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ISIS की सुसाइड बॉम्बर सैली जोंस उर्फ मिसेज़ टेरर

सीरिया में रूस और फ्रांस के हमले से तिलमिलाए आतंकी संगठन ISIS ने आत्मघाती हमले का प्लान बनाया है.. अब IS के लिए लड़ रही महिला ब्रिगेड आत्मघाती हमलों को अंजाम देगी... इस खौफनाक हमले

ISIS की सुसाइड बॉम्बर...- India TV Hindi ISIS की सुसाइड बॉम्बर सैली जोंस उर्फ मिसेज़ टेरर

सीरिया में रूस और फ्रांस के हमले से तिलमिलाए आतंकी संगठन ISIS ने आत्मघाती हमले का प्लान बनाया है.. अब IS के लिए लड़ रही महिला ब्रिगेड आत्मघाती हमलों को अंजाम देगी... इस खौफनाक हमले का जिम्मा ब्रिटेन की सैली जोन्स को दिया गया है.. दुनियाभर में सैली जोन्स... मिसेज टेरर के नाम से जानी जाती है।

हम यहां आपको सैली जोन्स के मिसेज टेरर बनने की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं।
 
आतंक की दुनिया में सैली जोन्स का बहुत बड़ा नाम है.. दुनियाभर की सुरक्षा एंजेंसियां सैली जोन्स को ढूंढ रही है.. लेकिन सैली अब तक पकड़ से बाहर है..  इसके नाम का आतंक ऐसा है कि लोग इसे मिसेज टेरर भी पुकारते हैं।

सैली जोन्स की इन तस्वीरों को देखकर किसी को भी इसकी नियत का अंदाज़ा नहीं लग सकता .. इन तस्वीरों से सैली एक मॉर्डन सोच वाली महिला नजर आती है.. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सैली के दिमाग में कूट-कूटकर आतंक का ज़हर भरा है.. दिखने में ये चेहरा जितना खूबसूरत दिखता है.. असल में ये उतना ही खूंखार और डरावना है। सैली कब, कहां, कैसे और किसकी जान ले ले ये किसी को नहीं पता है.. कब धमाका करके ये खुद को उड़ा ले.. ये कोई नहीं जानता..

दरअसल 47 साल की सैली जोन्स ने सबसे बड़ी आतंकी संगठन isis के लिए पहली महिला सुसाइड बॉम्बर बनने का फैसला कर लिया है.. सैली ने खुद ही इस बात की जानकारी दी है..सैली एक महिला आतंकी को श्रद्धांजलि देने के लिए आत्मघाती हमलावर बनने का फैसला किया है।

सैली का कहना है, “मुझे पता है कि मैं क्या कर रही हूं.. जन्नत के लिए कीमत चुकानी पड़ती है.. और मुझे उम्मीद है कि जन्नत की यही कीमत है.. मैं चेचन की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर को श्रद्धांजलि देकर खुद को उड़ा लूंगी.. मैं ISIS की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर बनूंगी।”

दरअसल साल 2000 में रूस के साथ चेचन विद्रोहियों की लड़ाई में हावा बारायेव ही वो पहली महिला थी जो सुसाइड बॉम्बर बनी थी। हावा ने खुद को बम से उड़ा लिया था। इस विस्फोट में रूसी आर्मी के 27 सैनिक मारे गए थे। सैली जोन्स इसी आतंकी को श्रद्धांजलि देने के बाद उसके जैसा ही कुछ करने की मंशा रखती है.. सैली जोन्स इस चेचन आतंकी को शहीद बताती है।

आपको बता दें कि ISIS ने अब तक के हमले में किसी भी महिला सुसाइड बॉम्बर का इस्तेमाल नहीं किया है लेकिन खुफिया विभाग ने इस बात की जानकारी दी है कि ISIS बड़ी संख्या में इस तरह के हमले को अंजाम देने के फिराक में है .. इसके लिए सीरिया के रक्का शहर में महिलाओं को खास ट्रेनिंग दिया जा रहा है.. सैली जोन्स भी रक्का में ही रहती है.. दरअसल सीरिया में रूस और प्रांस के ताजा हमले के बाद से ISIS बैकफुट पर है.. उसे अपना अंत सामने नजर आ रहा है.. यही वजह है कि वो अब महिलाओं का इस्तेमाल ऐसे हमलों के लिए करना चाहता है। ISIS की ओर से सैली जोन्स ने ही हमलों की जिम्मेदारी ली है और पहली फिदायिन अटैकर बनने की घोषणा की है।

सैली जोन्स की इस नयी प्लानिंग के बाद एक बार फिर पेरिस जैसे अटैक की संभावनाएं बढ़ गई हैं.. सुरक्षाएजेसियों की पैनी नजर सैली की गतिविधियों पर है।

कैसे सैली जोन्स रॉक स्टार से बनी सुसाइड बॉम्बर, अगली स्लाइड में

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