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Hindi News विदेश अन्य देश महिला ने मास्क पहनने के लिए कहे जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी का सिर फोड़ा दिया

महिला ने मास्क पहनने के लिए कहे जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी का सिर फोड़ा दिया

ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में एक महिला ने कथित तौर पर मास्क पहनने के लिए कहे जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी का का सिर फोड़ दिया।

Melbourne woman allegedly 'smashed' police officer's head into concrete when told to wear a mask- India TV Hindi Image Source : PTI Melbourne woman allegedly 'smashed' police officer's head into concrete when told to wear a mask

मेलबोर्न: ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में एक महिला ने कथित तौर पर मास्क पहनने के लिए कहे जाने को लेकर एक पुलिस अधिकारी का सिर फोड़ दिया। दरअसल मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विक्टोरिया पुलिस के मुख्य आयुक्त शेन पैटन ने कहा कि एक 38 वर्षीय व्यक्ति पर नौ अपराधों का आरोप लगाया गया है क्योंकि उसने फ्रेंकस्टन में एक फेस मास्क नहीं पहनने के कारण 26 वर्षीय पुलिस अधिकारी पर कथित तौर पर हमला किया था। पैटन ने आरोप लगाया कि महिला ने "पुलिसकर्मी के सिर को जमीन पर एक ठोस क्षेत्र में कई बार मारा।"

ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने दक्षिण चीन सागर पर टिप्पणियों का विरोध करने पर भारत में चीनी राजदूत की आलोचना की 

ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओफैरेल ने दक्षिण चीन सागर में चीन के अस्थिरता लाने वाले प्रयासों पर की गयी अपनी टिप्पणियों का विरोध करने पर भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग पर शुक्रवार को पलटवार किया और कहा कि बीजिंग को उन गतिविधियों से दूर रहना चाहिए जो क्षेत्र में यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदल सकती हैं। 

ओफैरेल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि दक्षिण चीन सागर में चीन की अस्थिरता लाने वाली और तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियों से ऑस्ट्रेलिया अत्यंत चिंतित है। खनिज संपन्न दक्षिण चीन सागर जहाजों के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग भी है। सुन ने ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक की टिप्पणियों पर विरोध जताते हुए ट्वीट किया और कहा कि वे बिना मतलब की बातें कर रहे हैं। 

ओफैरेल ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में चीनी राजदूत को हेग में 2016 में स्थायी मध्यस्थता अदालत द्वारा सुनाये गये फैसले की याद दिलाई जिसमें दक्षिण चीन सागर पर चीन के संप्रभुता के दावे को खारिज कर दिया गया था। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने ट्वीट किया, ‘‘धन्यवाद चीनी राजदूत महोदय। मैं उम्मीद करुंगा कि आप 2016 के दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता फैसले को याद करेंगे जो अंतिम है तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है। यह सामान्य तौर पर उन गतिविधियों से रोकता है जो एकपक्षीय तरीके से यथास्थिति को बदलती हैं।’’

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