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धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है सहारा रेगिस्तान का क्षेत्रफल, इंसान है जिम्मेदार!

क्या दुनियाभर के मसरुस्थलों के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हो रही है? क्या एक दिन अफ्रीका महाद्वीप का अधिकांश हिस्सा सहारा रेगिस्तान के अंदर आ जाएगा...

Sahara Desert has grown by 10% since 1920 due to climate change | Pixabay- India TV Hindi Sahara Desert has grown by 10% since 1920 due to climate change | Pixabay

काहिरा: क्या दुनियाभर के मसरुस्थलों के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हो रही है? क्या एक दिन अफ्रीका महाद्वीप का अधिकांश हिस्सा सहारा रेगिस्तान के अंदर आ जाएगा? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब एक ताजा रिसर्च में देने की कोशिश की गई है। इस रिसर्च के मुताबिक, अफ्रीका महाद्वीप में स्थित दुनिया के सबसे बड़े मरुस्थल सहारा के क्षेत्रफल में मानव जनित जलवायु परिवर्तन के कारण 1920 से अब तक 10 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक सहित शोधकर्ताओं के एक दल ने यह दावा किया। 

जलवायु आधारित एक पत्रिका में छपी इस अध्ययन की रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है कि अन्य रेगिस्तानों में भी इसी तरह वृद्धि हुई हो। अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के पर्यावरणीय और महासागरीय वैज्ञानिक और शोध के वरिष्ठ लेखक सुमंत निगम ने कहा, ‘हमने सहारा पर आधारित परिणाम दिए हैं। लेकिन उनसे दुनिया के अन्य मरुस्थलों का अनुमान लगाया जा सकता है।’ रेगिस्तानों को वार्षिक वर्षा के कम अनुपात के आधार पर परिभाषित किया जाता है। यह सामान्य रूप से प्रतिवर्ष 100 मिलीमीटर या इससे कम भी हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने अफ्रीका में 1920 से 2013 तक के वर्षा के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि महाद्वीप के ज्यादातर उत्तरी भाग में मौजूद सहारा के क्षेत्रफल में इस दौरान 10 फीसदी वृद्धि हुई। शोधकर्ताओं ने जब इस समय अंतराल में सहारा का विश्लेषण मौसमों के अनुसार किया तो उन्होंने मरुस्थल के क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा वृद्धि गर्मियों में दर्ज की। शोध परिणाम के अनुसार, मानव जनित जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ प्राकृतिक परिवर्तनों के कारण मरुस्थल का क्षेत्रफल बढ़ा है।

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