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पाकिस्तान और चीन से आसानी से निपट सकता है भारत, युगांडा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया बड़ा बयान

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर युगांडा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आज का भारत पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम है। विदेश मंत्री ने कहा कि दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद को अंजाम दे रही ताकतें अब जान गई हैं कि यह एक ‘नया भारत’ है जो जवाब देगा।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर- India TV Hindi Image Source : PTI भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर युगांडा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आज का भारत पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम है। विदेश मंत्री ने कहा कि दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद को अंजाम दे रही ताकतें अब जान गई हैं कि यह एक ‘नया भारत’ है जो उन्हें जवाब देगा।

जयशंकर ने जोर देते हुए कहा कि देश पाकिस्तान और चीन द्वारा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैदा की गई चुनौतियों से आज निपट सकता है। ‘‘आज, लोग एक नया भारत देख रहे हैं जो सामना करने को इच्छुक है और चाहे यह उरी हो या बालाकोट, भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटेगा। उन्होंने 2016 में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा जम्मू कश्मीर के उरी में थलसेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर किये गये हमले, और पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों द्वारा किये गये हवाई हमले का हवाला देते हुए यह बात कही।

चीन कर रहा सीमा पर शर्तों का उल्लंघन

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत के खिलाफ दशकों से सीमा पार से आतंकवाद में संलिप्त ताकतें, जिन्हें भारत ने सहन किया है, अब जान चुकी हैं कि यह एक नया भारत है और यह भारत उन्हें जवाब देगा।’’ उन्होंने चीन से लगी सीमा पर मौजूद चुनौतियों के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों से, समझौतों का उल्लंघन करते हुए, चीनियों ने बड़ी संख्या में सैनिक जमा किये हैं।’’ उन्होंने कहा कि आज भारतीय सैनिक बहुत ही विषम परिस्थितियों वाले अत्यधिक ऊंचे स्थानों पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति अतीत से बिल्कुल अलग है क्योंकि भारतीय सैनिकों को अब ‘पूरा समर्थन’ प्राप्त है और उनके पास सही उपकरण तथा बुनियादी ढांचा है। विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि चीन से लगी सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है, क्योंकि अतीत में इसकी अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नया भारत है जो अपने हितों के लिए खड़ा होगा और विश्व उसे मान्यता देगा।

भारत पर अब दबाव नहीं बना सकते अन्य देश

’’ जयशंकर ने कहा कि भारत पर अन्य देशों द्वारा यह दबाव नहीं बनाया जा सकता कि ‘‘हमें कहां से अपना तेल खरीदना है और कहां से तेल नहीं खरीदना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा भारत है जो अपने नागरिकों और उपभोक्ताओं के हित में कार्य करेगा।’’ यूक्रेन पर हमले को लेकर मास्को पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लगाने के बाद रियायती दर पर उपलब्ध रूसी तेल भारत खरीद रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत जब ‘क्वाड’ में शामिल हुआ था तब कुछ लोगों को बुरा लगा था। उल्लेखनीय है कि नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया ने ‘क्वाड’ गठन के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया था। चीन इस समूह के गठन की आलोचना करता रहा है और उसने कहा कि इसका लक्ष्य बीजिंग की बढ़ती ताकत को रोकना है।

आज का भारत एक आत्मनिर्भर देश

जयशंकर ने कहा कि आज भारत एक आत्मनिर्भर देश है। उन्होंने कहा, ‘‘आज, एक नया भारत है जो भारत के राष्ट्रीय हितों की पूर्ति करेगा और आप यह प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के व्यक्तित्व में देख सकते हैं। यदि लोग भारत की प्रगति के बारे में बात करते हैं तो इसमें काफी योगदान विदेश में भारतीय समुदाय द्वारा की गई कड़ी मेहनत ने दिया है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं यह भी कहना चाहूंगा कि राष्ट्रपति (योवेरी कगुता मुसेवेनी) ने यहां भारतीय समुदाय के बारे में क्या कहा है, और आप सब के प्रति उनकी गर्मजोशी और उनके द्वारा आपकी प्रशंसा करने को लेकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं दिल्ली पहुंचुंगा तब मैं निश्चित रूप से प्रधानमंत्री से कहूंगा।

भारत और युगांडा के बीच सीधी उड़ान सेवा पर बात

(भारतीय)समुदाय की राष्ट्रपति मुसेवेनी ने काफी प्रशंसा की।’’ उन्होंने कहा कि भारत और युगांडा के बीच सीधी उड़ान सेवा की संभावना पर बातचीत जारी है। दिन में, विदेश मंत्री कंपाला स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर भी गये। वह भारत लौटते समय अदिस अबाबा में कुछ देर के लिए रूकने के दौरान अपने इथोपियाई समकक्ष देमेके मेकोनेन हसन से भी मिले, जो देश के उप प्रधानमंत्री भी हैं। जयशंकर ने मुलाकात के बाद एक ट्वीट में कहा, ‘‘अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र सहित हमारे मजबूत बहुपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

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