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Hindi News विदेश अन्य देश इजरायली सेना ने कर दिया हमास का खेल खत्म! 75 वर्ष बाद गाजा युद्ध में मारे गए 20 हजार से अधिक फिलिस्तीनी

इजरायली सेना ने कर दिया हमास का खेल खत्म! 75 वर्ष बाद गाजा युद्ध में मारे गए 20 हजार से अधिक फिलिस्तीनी

इजरायल-हमास युद्ध में 7 अक्टूबर से लेकर अब तक गाजा में मरने वाले लोगों की संख्या 20 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह आंकड़ा जारी किया गया है। आंकड़ो में अब तक गाजा में 20 हजार 57 लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई है। यह पिछले 75 वर्षों में किसी भी संघर्ष में हुई सर्वाधिक मौतें हैं

गाजा में इजरायली सेना द्वारा बरपाया गया कहर। - India TV Hindi Image Source : AP गाजा में इजरायली सेना द्वारा बरपाया गया कहर।

हमास को इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमला करना इतना भारी पड़ जाएगी, इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की रही होगी। इजरायली सेना ने गाजा पर इतने बम और मिसाइल बरसाए हैं कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक में गगनचुंबी इमारतें और खूबसूरत शहर श्मशान में बदल चुके हैं। अब यहां सिर्फ बिल्डिंगों के खंडहरों का अवशेष ही बचा है। इजरायली सेना के कहर में गाजा में मौतों का ऐसा तांडव हुआ है, जिसके बारे में सुनकर ही रूह कांप जाएगी। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायली हमले में गाजा में अब तक 20 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। 

गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल और हमास के बीच युद्ध में गाजा पट्टी में 20,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इज़रायली अधिकारियों के अनुसार हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को इज़रायल पर हमले का नेतृत्व किया, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए। इज़रायल की सेना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए  गाजा पर चौतरफा बमबारी और जमीनी आक्रमण किया। इससे गाजापट्टी में लगभग 100 लोगों में से कम से कम को 1 को मार डाला है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार तड़के कहा कि 7 अक्टूबर से अब तक इजरायली हमलों में 20,057 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

गाजा में मौतों ने तोड़ा 75 वर्षों का रिकॉर्ड

गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार  20,057 फिलिस्तीनियों की मौत अब तक का मौतों का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। फ़िलिस्तीनी केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, यह आंकड़ा 1948 के अरब-इज़रायली युद्ध के बाद हुई हिंसा में मारे गए अनुमानित 15,000 फ़िलिस्तीनियों से अधिक है। फ़िलिस्तीनी उस सामूहिक विस्थापन को नकबा, या "तबाही" कहते हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी में जंग की संख्या पर नजर रखने वाले और युद्ध की लागत परियोजना के सह-निदेशक नेता सी. क्रॉफर्ड, ने कहा कि आबादी के बीच मौतों की दर 20वीं सदी के युद्धों के समान थी। उन्होंने कहा, "21वीं सदी में यह विनाश का एक महत्वपूर्ण और असामान्य स्तर है।" समाचार आउटलेट और संयुक्त राष्ट्र ने भी मौत की संख्या के लिए गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय पर भरोसा किया है। वहीं इज़रायली और अमेरिकी अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से आंकड़ों पर सवाल उठाया है। 

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