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पाकिस्तान को आई भारत की याद!, अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के लिए भारत की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण

अफगानिस्तान में भारत का हित होने की बात पाकिस्तान ने संभवत: पहली बार स्वीकार की है। साथ ही, उसने कहा कि वहां शांति प्रक्रिया के लिए भारत के सहयोग की जरूरत है।

Imran Khan with PM Modi- India TV Hindi Imran Khan with PM Modi

इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में भारत का हित होने की बात पाकिस्तान ने संभवत: पहली बार स्वीकार की है। साथ ही, उसने कहा कि वहां शांति प्रक्रिया के लिए भारत के सहयोग की जरूरत है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को नेशनल एसेंबली में कहा कि पाकिस्तान अकेले अफगानिस्तान में शांति नहीं ला सकता क्योंकि यह क्षेत्र के देशों की साझा जिम्मेदारी है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति सैन्य ताकत से स्थापित नहीं हो सकती। आज अमेरिका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान तथा तालिबान भी वार्ता के जरिए शांति चाहता है।’’

कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अहम हितधारकों के बीच कुछ बैठकें हुई हैं। भारत का भी अफगानिस्तान में हित है और उसके भी सहयोग की जरूरत होगी। गौरतलब है कि अमेरिका ने संकेत दिया है कि अफगानिस्तान में भारत को एक भूमिका देने की उसकी योजना है। वहीं, बरसों से पाकिस्तान का रूख बिल्कुल स्पष्ट रहा है कि अफगानिस्तान में भारत को कोई भूमिका निभाने की जरूरत नहीं है।

भारत के साथ संबंधों के बारे में कुरैशी ने आशा जताई कि भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरीडोर खोले जाने की पाकिस्तान की सदभावना पहल के अनुरूप नयी दिल्ली भी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की भाजपा सरकार कॉरीडोर खोलने के लिए अनिच्छुक थी और उन्होंने बाद में उसने एक कैबिनेट बैठक के जरिए इसे मंजूरी दी। पाकिस्तान ने आशा जताई कि भारत कश्मीर पर अपनी नीति की समीक्षा करेगा। 

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