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जनरल सुलेमानी का शव ईरान आने पर श्रद्धांजलि देने उमड़ा लोगों का हुजूम

अमेरिकी हमलों को लेकर इराक की बढ़ती नाराजगी के मद्देनजर इराक में मौजूद करीब 5,200 अमेरिकी सैनिकों को देश से निकाले जाने के बारे में देश की संसद में रविवार को मतदान होने की संभावना है। 

Iran- India TV Hindi Image Source : AP An aerial view shows mourners attending a funeral ceremony for Gen. Qassem Soleimani and his comrades, who were killed in Iraq in a U.S. drone strike, in the southwestern city of Ahvaz, Iran.

तेहरान। इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी का शव रविवार को ईरान के शहर अहवाज पहुंचने पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने रोते-बिलखते विलाप करते हुए और अपनी छाती पीटकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सड़कों पर उमड़े लोग ‘‘अमेरिका मुर्दाबाद’’ के नारे लगा रहे थे। लोगों के हुजूम से दक्षिणी पश्चिम शहर में एक नदी पर बना लंबा पुल खचाखच भर गया था।

सुलेमानी का शव तड़के इराक से यहां पहुंचा। शियाओं के नारे गूंज रहे थे, शोकाकुल लोग सुलेमानी की तस्वीर थामे हुए थे। ईरान के लोग सुलेमानी को 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के कमांडर के तौर पर ईरान के पश्चिम एशिया अभियान की अगुवाई करने के कारण नायक के तौर पर देखेते हैं।

Image Source : APMourners attend a funeral ceremony for Gen. Qassem Soleimani.

शुक्रवार को बगदाद हवाईअड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी (62) की मौत हो गई थी जिससे इस्लामिक गणराज्य सदमे में है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था।

अमेरिकी हमलों को लेकर इराक की बढ़ती नाराजगी के मद्देनजर इराक में मौजूद करीब 5,200 अमेरिकी सैनिकों को देश से निकाले जाने के बारे में देश की संसद में रविवार को मतदान होने की संभावना है। सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और नये पश्चिम एशिया युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने ‘‘बदला लेने’’ का संकल्प जताया है और तीन दिन के शोक की घोषणा की है।

Image Source : APIranian Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei

हालांकि, ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने अमेरिकी कर्मियों या संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो अमेरिका ‘‘ईरान और ईरानी संस्कृति के लिए अहम’’ 52 जगहों को निशाना बनाएगा और उन पर ‘‘बहुत तेजी से शक्तिशाली’’ हमला करेगा। ट्रंप ने ट्वीट किया कि ये 52 ठिकाने उन अमेरिकी नागरिकों की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें 1979 के आखिर में तेहरान में अमेरिकी दूतावास में एक साल से अधिक समय तक बंधक बनाया था

 ईरान के शीर्ष राजनयिक मोहम्मद जावद जरीफ ने ट्वीट किया कि ‘‘सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाना युद्ध अपराध’’ है और अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रतिबंधित है। ईरान के सेना प्रमुख के लिए यह धमकी सुलेमानी की ‘‘अन्यायपूर्ण’’ हत्या से दुनिया का ध्यान भटकाने का प्रयास है। मेजर जनरल अब्दुलरहीम मूसावी ने कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि उनमें भविष्य में इसे शुरू करने का साहस है।’’

ट्रंप ने 2018 में एकतरफा कदम उठाते हुए ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था जिसके बाद से ही अमेरिका-ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस संधि में ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रमों पर रोक के एवज में प्रतिबंधों में छूट का प्रावधान था।

सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक लाइव कार्यक्रम में अहवाज शहर में हजारों लोग काले कपड़ों में नजर आ रहे थे। चैनल के फुटेज में मौलवी स्क्वायर में हरे, सफेद और लाल झंडे लिए हुए बड़ी संख्या में लोग दिख रहे हैं। सरकारी टेलीविजन ने बताया, ‘‘समारोह में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।’’ अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने बताया कि संसद के नियमित सत्र के दौरान प्रतिनिधियों ने कुछ मिनट के लिए ‘‘अमेरिका मुर्दाबाद’’ के नारे लगाए। समाचार एजेंसी ने स्पीकर अली लारीजानी के हवाले से कहा, ‘‘ट्रंप सुन लो, यह ईरानी राष्ट्र की आवाज है।’’

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