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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति का चीन पर बड़ा हमला, कहा-ईस्ट इंडिया कंपनी से भी ज्यादा जमीन पर किया कब्जा

नशीद को मई में देश की संसद के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया था। उनकी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने दो तिहाई बहुमत से चुनाव में जीत हासिल की थी।

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नई दिल्ली: मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने चीन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से की। हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए नशीद ने चीन पर आरोप लगाया कि उसने अब तक ईस्ट इंडिया कंपनी से भी अधिक जमीन हड़प ली है। नशीद ने कहा, चीन ने एक भी गोली चलाए बिना ईस्ट इंडिया कंपनी की तुलना में ज्यादा जमीन हथिया ली है।

नशीद ने कहा कि “सरकार पर शिकंजा कसा, कानूनों में तबदीली की, ज्यदा कीमतों के कॉन्ट्रैक्ट लिए और इसकी कीमत के कारण कारोबारियों की योजना असफल हो गयी, व्यावसायिक कर्ज दिया और फिर इसे वापस करने में असमर्थ रहे। अब तुम रकम को लौटा नहीं सके तो संप्रभुता को दांव पर लगा दिया। मैं विशेषकर चीन की तरफ इशारा कर रहा हूँ।”

मोहम्मद नशीद साल 2008 से 2012 तक मालदीव के चौथे राष्ट्रपति थे। वह मालदीव के पहले लोकतान्त्रिक तरीके से चुने हुए राष्ट्रपति थे जब मॉमून अब्दुल गयूम का तीन दशको की राजशाही खत्म हुई थी। उन्होंने कहा कि भूमि पर कब्ज़ा वैश्विक स्तर पर हो रहा है। वे सामान्य है जहां मानव अधिकारों का संरक्षण बेहद कम है।

नशीद को मई में देश की संसद के प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया था। उनकी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने दो तिहाई बहुमत से चुनाव में जीत हासिल की थी। पूर्व राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार के आरोपों को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था और उसके बाद उनकी निर्वासन अवधि समाप्त हुई थी।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वह मालदीव में ज्यादा विदेशी निवेश चाहते हैं। यह लोकतान्त्रिक तरीके से होना चाहिए और इससे फायदा उठाने में हम सक्षम होने चाहिए। बीते पांच सालो में एक भारी मात्रा में व्यावसायिक धन देश में आया है। यह हमरे लिए एक चिंता का विषय है और यह अन्याय है। मालदीव में आये धन की सटीक आंकड़ा हमें समझना चाहिए और इसी धन को वापस करना चाहिए।

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