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51 नए मामले आने के बाद चीन के वुहान में बढ़ाई गई कोरोना टेस्टिंग, वायरोलॉजी लैब की निदेशक ने कही ये बड़ी बात

वुहान में 1.12 करोड़ लोगों की जांच की जा रही है क्योंकि यहां संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले मामले बढ़े थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले 396 लोग चीन में चिकित्सीय निगरानी में हैं, जिनमें से 326 वुहान में हैं।

<p><span style="background-color: #ffffff; color:...- India TV Hindi Image Source : AP china Coronavirus latest news

बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 51 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 40 में संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। वहीं ज्यादातर मामले बेहद प्रभावित वुहान से सामने आए हैं। पिछले 10 दिनों में वुहान में 60 लाख से ज्यादा लोगों की जांच हुई है। देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि रविवार को चीन में घरेलू संक्रमण के संचार से जुड़े मामले सामने नहीं आए लेकिन 11 नए मामले बाहर से जुड़े हैं। इनमें से 10 आंतरिक मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र और एक सिचुआन प्रांत से सामने आया है। वहीं संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले 40 नए मामले सामने आए हैं जिनमें से 38 वुहान से हैं।

Image Source : APcoronavirus cases in Wuhan

वुहान में 1.12 करोड़ लोगों की जांच की जा रही है क्योंकि यहां संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले मामले बढ़े थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले 396 लोग चीन में चिकित्सीय निगरानी में हैं, जिनमें से 326 वुहान में हैं। संक्रमण के लक्षण नहीं दिखने वाले वैसे मरीज होते हैं जो संक्रमित तो होते हैं लेकिन उनमें बुखार, सर्दी या गले में परेशानी के लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि उनसे दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। वुहान नगर निगम स्वास्थ्य आयोग के अनुसार शहर में अब तक 14 मई से 23 मई के बीच 60 लाख से ज्यादा जांच हो चुकी है। चीन में रविवार तक 82,985 लोग संक्रमित हो चुके हैं और उनमें से 4,634 लोगों की मौत हो चुकी है। 

Image Source : APwuhan institute of virology

चीन की वुहान की वायरोलॉजी लैब में मौजूद थे कोरोना वायरस के तीन जीवित स्ट्रेन!

बता दें कि पिछले साल 2019 में चीन के वुहान से ही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत हुई थी। इसको लेकर पूरी दुनिया चीन पर निशाना साध रही है। चीन के वुहान में मौजूद वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट कोरोना वायरस का मामला आने के बाद से ही विवादों में है। कई देशों को यह संदेह है कि वायरस यहीं से फैला है। अब इंस्टिट्यूट ने दावा किया है कि, उनके पास चमगादड़ से निकले कोरोना वायरस के तीन जिंदा स्ट्रेन मौजूद थे लेकिन इनमें से कोई भी मौजूदा महामारी से मेल नहीं खाता। दरअसल वैज्ञानिकों को लगता है, चीन के वुहान शहर में पहली बार यह वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और एक अन्य स्तनीय जन्तु के माध्यम से लोगों में फैला।  

वैज्ञानिकों का मानना है, कोरोना वायरस चमगादड़ से निकला था और बाद में इंसानों में फैला, लेकिन वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की निदेशक ने सरकारी टीवी सीजीटीएन से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य द्वारा वायरस के इंस्टिट्यूट से फैलने का दावा करना, पूरी तरह से मनगढ़ंत है। निदेशक का इंटरव्यू 13 मई को किया गया था जिसे शनिवार रात को प्रसारित किया गया। इसमें निदेशक वांग येनी कहती हैं कि सेंटर के पास चमगादड़ों से निकाले गए गए कोरोना वायरस के स्ट्रेन थे। उन्होंने कहा, 'हमारे पास जिंदा वायरस के तीन स्ट्रेन मौजूद हैं। लेकिन लेकिन वर्तमान में पूरी दुनिया में कोहराम मचा रहे नोवेल कोरोना वायरस और उनमें सिर्फ 79.8 फीसदी ही समानता है।'

प्रोफेसर शी जेंग्ली के नेतृत्व में एक टीम 2004 से ही चमगादड़ से निकले कोरोना वायरस पर शोध कर रही है और वह सार्स (SARS) के स्रोत को ढूंढ रही है। प्रोफेसर शी ने बताया, 'हमें पता है कि नोवेल कोरोना वायरस के जीनोम SARS से सिर्फ 80 फीसदी ही मैच करते हैं। यह एक बड़ा अंतर है। करीब दो दशक पहले SARS महामारी फैली थी। इसकी वजह से दक्षिण कोरिया में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। इसलिए प्रोफेसर शी के शोध में उन्होंने ऐसे वायरस पर ध्यान नहीं दिया जिनमे सार्स जैसी समानता कम है।'

वायरोलॉजी लैब की निदेशक का कहना है कि उसे 30 दिसंबर को अज्ञात वायरस का सैंपल मिला था और इसके बाद 2 जनवरी को वायरल का जीनोम पता लगाा गया और फिर 11 जनवरी को उसे डब्ल्यूएचओ को सौंप दिया गया। वांग ने दावा किया कि दिसंबर में सैंपल मिलने से पहले उनकी टीम का कभी भी ऐसे वायरस से सामना नहीं हुआ था। वांग ने कहा, 'औरों की तरह हमें भी वायरस की मौजूदगी के बारे में नहीं पता था। फिर ऐसे में वह कैसे लैब से लीक हो सकता है जब वह हमारे पास था ही नहीं।'

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