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डोकलाम में ड्रैगन की नई चाल, बनाया अपना आर्मी बेस

डोकलाम पर बार-बार धोखा देने वाला चीन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने डोकलाम पर एक बार फिर भारत को धोखा दिया है और उसका ये धोखा सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से बेनकाब हो गया है।

Dragon new move in Dokalam created its army base- India TV Hindi Dragon new move in Dokalam created its army base

डोकलाम पर बार-बार धोखा देने वाला चीन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने डोकलाम पर एक बार फिर भारत को धोखा दिया है और उसका ये धोखा सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से बेनकाब हो गया है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने डोकलाम के आसपास एक पूरा का पूरा सैन्य बेस तैयार कर लिया है। यहां तक कि बड़े हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के सात-सात हेलीपैड भी बना लिए हैं। यानी एक बार फिर ड्रैगन आसमानी आंखों यानी सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से बेनकाब हो गया है। (VIDEO: पाकिस्तानी होने पर शर्मिंदा पाक एक्ट्रेस, इंटरव्यू के दौरान फूट-फूटकर रोईं सबा कमर )

चीन ने न सिर्फ डोकलाम के उत्तरी हिस्से पर मिलिटरी बेस बनाया है बल्कि कई हेलिपैड्स भी बना लिए हैं। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों को देखकर साफ पता चल रहा है कि, भुटान जिस इलाके को अपना बताता है वहीं पर चीन निर्माण कार्य कर रहा है। तस्वीरों में आपको पक्की सड़क दिखेंगी, टैंक और टैंक ले जाने वाली गाड़ियां दिखेंगी, और सबसे खास दो हेलीपैड दिखेंगें। सैटेलाइट द्वारा जनवरी माह में खींची गई तस्वीरों में दो ही हेलीपैड दिख रहे हैं, लेकिन इस इलाके में चीन ने इस तरह के कम से कम सात कंक्रीट के हेलीपैड बनाए हैं। ये हेलीपैड भारत के डोलम पोस्ट से सिर्फ 81 मीटर की दूरी पर है। इन हेलीपैड्स का डायामीटर 25 मीटर है, यानी हेलीपैड़्स को इतना बड़ा बनाया गया है कि इस पर चीनी सेना के बड़े से बड़े हेलीकॉप्टर को आसानी से लैंड कराया जा सकता है। और तो और तस्वीरों में डोकलाम के पास चीनी सैनिकों की बनाई जो सड़क दिख रही है वो डोकलाम के पूर्व में महज दस किलोमीटर की दूरी पर है।

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि डोकलाम के आस-पास चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती कर रखी है। हथियारों से लैस गाड़ियां और सैनिकों की मौजूदगी से कुछ दूरी पर भारी मात्रा में सड़क बनाने के साजो-सामान इस ओर इशारा करते हैं कि चीन यहां इतने पर ही नहीं रुकने वाला है वो आगे भी सड़क बनाने की कोशिश कर सकता है। इन बातों से यही पता चलता है कि एक तरफ तो चीन डोकलाम विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का नाटक करता है। पहले नवंबर में बीजिंग में बैठक हुई, फिर दिसंबर में दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चीनी स्टेट काउंसलर की लगातार दो दिनों तक बैठक में डोकलाम समेत तमाम बॉर्डर विवादों पर चर्चा हुई, लेकिन चीन चुपचाप पीठ पीछे अपनी नई चाल को अंजाम देता रहा। सैटेलाइट से मिली ये तस्वीरें ड्रैगन की इसी नई चाल की गवाही दे रही है।

 

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