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Hindi News विदेश एशिया ‘काबुल के कसाई’ ने तालिबान से कहा, हथियार डालकर शांति प्रक्रिया में शामिल हों

‘काबुल के कसाई’ ने तालिबान से कहा, हथियार डालकर शांति प्रक्रिया में शामिल हों

पूर्व अफगान योद्धा गुलबुद्दीन हिकमतयार ने 20 साल बाद अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में शनिवार को तालिबान से आग्रह किया कि वह हथियार डालकर शांति प्रक्रिया में शामिल हो।

Gulbuddin Hekmatyar | AP File Photo- India TV Hindi Gulbuddin Hekmatyar | AP File Photo

काबुल: पूर्व अफगान योद्धा गुलबुद्दीन हिकमतयार ने 20 साल बाद अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में शनिवार को तालिबान से आग्रह किया कि वह हथियार डालकर शांति प्रक्रिया में शामिल हो। हिज्बे इस्लामी के नेता हिकमतयार ने पूर्वी लघमान प्रांत में समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश में युद्ध समाप्त होना ही चाहिए और विदेशी हमारा युद्द समाप्त नहीं कर सकते।’

काबुल में 1990 के दशक के गृहयुद्ध में दसियों हजार लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले और 'काबुल के कसाई' के रूप में प्रसिद्ध हिकमतयार ने कहा कि तालिबान को इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं होगा और इससे केवल लोगों की बर्बादी ही होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिकमतयार ने पिछले सप्ताह बाख में 209 शाहीन सैन्य कॉर्प्स पर हुए हमले का जिक्र करते हुए सैनिकों पर ऐसे समय हमला करने को लेकर तालिबान की निंदा की, जब वे नमाज पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हमें अल्लाह के लिए यह विनाशकारी युद्ध रोक देना चाहिए।’ हिकमतयार ने तालिबान से शांति प्रक्रिया में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि तालिबान के नेतृत्व में किया जा रहा आतंकवाद 'निर्थक और अवैध है।' 

उन्होंने साथ ही देश की सुरक्षा के लिए की गई सभी कुर्बानियों के लिए अफगान सुरक्षा बलों को धन्यवाद भी दिया। टोलो न्यूज के मुताबिक, उन्होंने संगीत और टीवी श्रृंखलाएं प्रसारित करने के लिए मीडिया की निंदा की और कहा कि प्रेस को युद्ध संबंधित खबरें कम देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप रोकने की अपील भी की। हिकमतयार ने सालों अज्ञातवास में रहने और अफगान सरकार के साथ उनके संगठन द्वारा ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुक्रवार को लघमान और नांगरहार प्रांतों के नेताओं से मुलाकात की।

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