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ईरान ने सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित किया, अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का लिया संकल्प

ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित किया। देश की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया।

ईरान ने सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित किया, अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का लिया संकल्प- India TV Hindi ईरान ने सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित किया, अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का लिया संकल्प

नई दिल्ली: ईरान ने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के मामले में सभी अमेरिकी बलों को ‘आतंकवादी’ घोषित किया। देश की संसद ने अमेरिकी सेना और पेंटागन को आतंकी संगठन घोषित करने के समर्थन में मतदान किया। ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, सांसदों ने सुलेमानी की हत्या के विरोध में यह प्रस्ताव पास किया। अमेरिका और ईरान के शीर्ष नेता एक-दूसरे के खिलाफ इस वक्त बहुत सख्त बयानबाजी कर रहे हैं।

सांसदों ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने और अमेरिका-इजरायल को सबक सिखाने का संकल्प लिया। इससे पहले पांच जनवरी को संसद में सांसदों ने अमेरिका की मौत के नारे लगाए थे। इससे पहले सोमवार को भी सुलेमानी की अंतिम यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम तेहरान की सड़कों पर उतरा। हाथों में प्लेकार्ड लेकर पहुंचे लोगों ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

कमांडर कासिम सुलेमानी को आज सुपर्द-ए-खाक किया जाना है। उनके जनाजे की जुलूस में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग करमान आए हुए हैं। रेवोल्यूशनरी गार्ड की विदेशी शाखा के कमांडर के गृह नगर में बहुत बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने आए हैं। कुछ इतनी ही संख्या में तेहरान, कोम, मशहद और अहवाज में भी लोग सड़कों पर मौजूद थे। 

बड़ी संख्या में लोग आजादी चौक पर जमा हुए हैं जहां राष्ट्रीय झंडे में लिपटे दो ताबूत रखे हुए हैं। कहा जा रहा है कि एक ताबूत सुलेमानी का और दूसरा ताबूत उनके करीबी सहयोगी ब्रिगेडियर जनरल हुसैन पुरजाफरी का है। शीराज से अपने कमांडर को अंतिम विदा देने के लिए करमान आए लोगों में से एक का कहना है, ‘‘हम पवित्र सुरक्षा के महान कमांडर को श्रद्धांजलि देने आए हैं।’’ 

हिम्मत देहगान का कहना है, ‘‘हज कासिम (सुलेमानी) से लोग ना सिर्फ करमान या ईरान में मोहब्बत करते थे, बल्कि पूरी दुनिया में लोग उनसे मोहब्बत करते थे।’’ 56 वर्षीय पूर्व सैनिक ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया, मुसलमानों, शियाओं, इराक, ईरान, सीरिया, अफगानिस्तान और खास तौर से ईरान, सभी अपनी सुरक्षा के लिए उनके एहसानमंद हैं।’’ 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर शुक्रवार को बगदाद हवाईअड्डे के पास किए गए ड्रोन हमले में सुलेमानी और कुछ अन्य लोग मारे गए। हमले के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गया है और ईरान ने इसका बदला लेने की कसम खायी है। सुलेमानी को अपराह्न दो बजे से चार बजे के बीच शहीदों के कब्रिस्तान में सुपर्द-ए-खाक किया जाना है। भारतीय समयानुसार यह शाम चार से छह बजे के बीच होगा।

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