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फुमियो किशिदा बनेंगे जापान के अगले प्रधानमंत्री

जापान के पूर्व शीर्ष राजनयिक फुमियो किशिदा ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेता पद का चुनाव जीत लिया है। अब उनका अगला प्रधानमंत्री बनना तय है।

Japan next prime minister Fumio Kishida फुमियो किशिदा बनेंगे जापान के अगले प्रधानमंत्री- India TV Hindi Image Source : AP फुमियो किशिदा बनेंगे जापान के अगले प्रधानमंत्री

टोक्यो. जापान के पूर्व शीर्ष राजनयिक फुमियो किशिदा ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेता पद का चुनाव जीत लिया है। अब उनका अगला प्रधानमंत्री बनना तय है। किशिदा पार्टी के निवर्तमान नेता एवं प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का स्थान लेंगे। पिछले साल सितंबर में पद संभालने के महज एक साल बाद ही सुगा पद छोड़ रहे हैं। 

फुमियो किशिदा जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नए नेता के तौर पर किशिदा का संसद में सोमवार को अगला प्रधानमंत्री चुना जाना तय है। किशिदा ने पार्टी के नेता पद के मुकाबले में टीकाकरण मंत्री तारो कोनो को हराया। पहले चरण में उन्होंने दो महिला उम्मीदवारों सना तकाइची और सेइको नोडा को पराजित किया था। 

प्रधानमंत्री बनने के बाद किशिदा के सामने महामारी का दंश झेल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और बढ़ते क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए अमेरिका के साथ मजबूत गठबंधन बनाने की चुनौती होगी। किशिदा ने पार्टी के नेता पद के मुकाबले में लोकप्रिय टीकाकरण मंत्री तारो कोनो को हराया। पहले चरण में उन्होंने दो महिला उम्मीदवारों सना तकाइची और सेइको नोडा को पराजित किया था।

चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि किशिदा को अपनी पार्टी के दिग्गजों से अधिक समर्थन मिला जिन्होंने कोनो द्वारा समर्थित बदलाव के बजाय स्थिरता को चुना। कोनो को स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। नए नेता पर पार्टी की छवि को सुधारने का दबाव है जो सुगा के नेतृत्व में बिगड़ी। कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तौर तरीकों और तोक्यो में ओलंपिक कराने पर अड़े रहने को लेकर सुगा ने जनता में आक्रोश पैदा कर दिया।

किशिदा ने अपने ‘‘नव पूंजीवाद’’ के तहत वृद्धि और वितरण का आह्वान करते हुए कहा कि जापान में सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था ने केवल बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाया। तोक्यो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर यु उचियामा ने कहा कि नए नेतृत्व में अहम कूटनीतिक और सुरक्षा नीतियों में खास बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि आबे ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था और इसके साथ ही उनका आठ साल का कार्यकाल खत्म हो गया था। उनके इस्तीफा देने के बाद सुगा केवल एक साल तक इस पद पर रहे और अब वह इस्तीफा दे रहे हैं।

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