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कजाकिस्तान में 70 साल बाद दिखेंगे जंगली बाघ, हो गए थे विलुप्त

विलुप्त होने के करीब 70 साल बाद जंगली बाघ कजाकिस्तान में फिर से नजर आएंगे। कुछ समय पहले ये विलुप्त हो गए थे...

Representational Image | Pixabay- India TV Hindi Representational Image | Pixabay

अस्ताना: विलुप्त होने के करीब 70 साल बाद जंगली बाघ कजाकिस्तान में फिर से नजर आएंगे। कुछ समय पहले ये विलुप्त हो गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्व वन्यजीव कोष (WWF) की ओर से मिले समर्थन के तहत काम करने वाली परियोजना के अनुसार, इली-बलखश क्षेत्र में इन जंगली बाघों को विलुप्त होने के लगभग 70 साल बाद एक बार फिर से देखा जाएगा। इस परियोजना में एक नए प्राकृतिक रिजर्व क्षेत्र को विकसित करने और वन को पूर्वावस्था में लाने की योजना भी शामिल है। यह वनक्षेत्र पशुओं का ऐतिहासिक पनाहगाह रहा है।

अगर यह परियोजना सफल रही, तो कजाकिस्तान वनक्षेत्र में जंगली बाघों को वापस लाने में सफलता हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा। शिकार और आवासीय क्षेत्र प्रभावित होने के कारण मध्य एशिया और इसके आस-पास के क्षेत्रों से कई वन्यजीवों की प्रजातियां विलुप्त हो गई थीं। इनमें जंगली बाघों के साथ-साथ कुल्कन या जंगली गधे और बैक्ट्रियन हिरण भी शामिल थे। इस परियोजना पर काम करने में कई साल लगे। बाघों के लिए आवासीय क्षेत्र का निर्माण किया गया। वर्ष 2025 में यहां पहला रिजर्व तैयार किया जाएगा।

एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए बयान में रूस में WWF के डायरेक्टर इगोर चेस्टिन ने कहा, ‘कजाकिस्तान और रूस के संरक्षण विशेषज्ञों के बीच इतने साल तक किए गए काम को सलाम। हम इली-बलखश में जंगली बाघों की आबादी को बनाए रखने के लिए सर्वोत्तम क्षेत्र की पहचान कर पाए हैं।’ उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से आने वाले समय में एक सफल रिजर्व का निर्माण होगा। माना जाता है कि 20वीं सदी की शुरुआत में लगभग 1,00,000 बाघ इस धरती पर थे। अब उनकी संख्या 3,900 के आसपास है।

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