‘पति को मिले पत्नी की हल्की पिटाई का हक’
पाकिस्तान में काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने अपने महिला सुरक्षा बिल में जो प्रस्ताव दिया है उसमें पति का विरोध करने पर पत्नी की ‘हल्की पिटाई’ की सिफारिश की गई है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान में काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने अपने महिला सुरक्षा बिल में जो प्रस्ताव दिया है उसमें पति का विरोध करने पर पत्नी की ‘हल्की पिटाई’ की सिफारिश की गई है। 20 सदस्यीय CII एक संवैधानिक संस्था है जो इस्लामिक कानूनों पर पाकिस्तान की संसद को सलाह देती हैं। हालांकि, संसद इन सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
163 पन्नों के इस विधेयक में महिलाओं पर कई प्रतिबंध प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अगर पत्नी, पति की बात नहीं मानती, उसकी मर्जी के मुताबिक कपड़े नहीं पहनती है और शारीरिक संबंध बनाने से इंकार करती है तो पति थोड़ा सा पीट सकता है।
इसके साथ ही इसमें हिजाब ना पहनने वाली, अजनबियों से बात करने वाली, तेज आवाज में बोलने वाली और पति की इजाजत के बिना लोगों की आर्थिक सहायता करने वाली महिलाओं को भी पीटने की इजाजत देने की बात की है। साथ ही कहा गया है कि महिला नर्सों को पुरुष रोगियों की देखभाल की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए और महिलाओं को विज्ञापनों में काम करने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
इसने यह भी सिफारिश की है कि गर्भधारण करने के 120 दिनों बाद गर्भपात को हत्या घोषित किया जाए। हालांकि, इसने कहा है कि महिला राजनीति में उतर सकती है और माता पिता की इजाजत के बगैर निकाह कर सकती है। यदि किसी गैर मुस्लिम महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो यह कराने वाले व्यक्ति को तीन साल की कैद हो।
सीआईआई का दावा है कि उनके प्रपोजल कुरान और शरिया के मुताबिक हैं। उनका ये भी कहना है कि इसके जरिए डोमेस्टिक वॉयलेंस को कानूनी रूप दिया जा सकेगा। इस्लामाबाद की ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट फरजाना बारी के मुताबिक, ‘काउंसिल का इस तरह से कहना महिलाओं को लेकर उनकी घटिया सोच को ही बताता है।’ बारी ये भी कहती हैं, ‘प्रपोज्ड बिल में कुछ भी इस्लाम के मुताबिक नहीं है। इससे देश की इमेज खराब होगी।’