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मालदीव: सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद विपक्ष ने की राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग

मालदीव की सर्वोच्च अदालत द्वारा 9 महत्वपूर्ण राजनैतिक कैदियों की रिहाई का आदेश देने के बाद विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के तत्काल इस्तीफे की मांग की...

Maldives President Abdulla Yameen | AP Photo- India TV Hindi Maldives President Abdulla Yameen | AP Photo

कोलंबो: मालदीव की सर्वोच्च अदालत द्वारा 9 महत्वपूर्ण राजनैतिक कैदियों की रिहाई का आदेश देने के बाद विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के तत्काल इस्तीफे की मांग की। इसने निर्वासित पूर्व नेता मोहम्मद नशीद की राजनीति में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। 50 वर्षीय नशीद देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता थे। उन्हें उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान मुख्य फौजदारी न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद की मनमानी गिरफ्तारी को लेकर 2015 में आतंक के आरोपों में 13 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। ब्रिटेन ने उन्हें शरण दी थी जब उन्हें बढ़ते विदेशी दबाव के बीच वहां इलाज कराने के लिये अनुमति दी गई थी।

उच्चतम न्यायालय का फैसला संयुक्त विपक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को आया। संयुक्त विपक्ष ने भ्रष्टाचार, कुशासन और अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति यामीन को हटाने की मांग की थी। यद्यपि न्यायाधीशों ने उस अनुरोध पर फैसला नहीं सुनाया, लेकिन उन्होंने 9 राजनैतिक कैदियों की रिहाई का आदेश दिया। न्यायाधीशों ने कहा कि उनके खिलाफ मुकदमे ने मालदीव के संविधान और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया। शीर्ष अदालत ने संसद के उन 12 सदस्यों की सदस्यता भी बहाल कर दी जो पिछले साल टूटकर विपक्ष में चले गए थे और अपनी सीट गंवा दी थी।

जिन कैदियों की रिहाई का आदेश दिया गया है उसमें शामिल नशीद ने एक ट्वीट में कहा, ‘राजनैतिक कैदियों की तत्काल रिहाई और नागरिक एवं राजनैतिक अधिकारों को बहाल करने के उच्चतम न्यायालय के रात के फैसले का स्वागत करता हूं। राष्ट्रपति यामीन को इस फैसले का अवश्य पालन करना चाहिये और इस्तीफा देना चाहिये। सभी नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे टकराव से बचें और शांतिपूर्ण राजनैतिक गतिविधि में शामिल हों।’ मालदीव की लोकतांत्रिक पार्टी ने यहां जारी एक वक्तव्य में फैसले के आलोक में यामीन के तत्काल इस्तीफे की मांग की।

MDP ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में यह भी कहा गया कि मुकदमे के दौरान अभियोजकों और अदालतों पर राजनैतिक दबाव डाला गया। MDP के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फैसला आने के बाद माले में जश्न मनाया और यामीन के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नेताओं को कैद से कब रिहा किया जाएगा। राष्ट्रपति यामीन का कार्यकाल इस साल नवंबर में समाप्त होगा। संविधान के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव अगस्त में होने वाले हैं।

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