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मोदी ने ग़ालिब का शेर पढ़कर किया भारत-ईरान की ऐतिहासिक दोस्ती का जिक्र

तेहरान: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर शायर गालिब का नीचे लिखा ये शेर तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स के आखिर में हिन्दी में पढ़ा, तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी मुस्करा उठे थे।

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तेहरान: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर शायर गालिब का नीचे लिखा ये शेर तेहरान में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स के आखिर में हिन्दी में पढ़ा, तो ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी मुस्करा उठे थे। शेर इस प्रकार है:

“जनूनत गरबे नफ्से-खुद तमाम अस्त

ज़े-काशी पा-बे काशान नीम गाम अस्त”

अर्थ: अगर हम निश्चय कर लें, तो काशी और काशान के बीच की दूरी सिर्फ आधा कदम में पूरी हो सकती है।

(ईरान के एक शहर का नाम काशान है, जो इस्फाहान नाम के सूबे में है।)

दरअसल अपनी दो दिवसीय ईरान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और ईरान के ऐतिहासिक संबंधों पर ज़ोर देते हुए कहा कि दोनों देशों की दोस्ती इतिहास की तरह प्राचीन है। उन्होंने गुजरात भूकंप में ईरान ने जिस तरह से आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाया था, भारत के प्रधानमंत्री ने उसका भी जिक्र किया।

नई नहीं है भारत और ईरान की दोस्ती

मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भारत और ईरान की मित्रता नई नहीं है। हमारी दोस्ती इतिहास की तरह पुरानी है। कई शताब्दियों से हमारे समाज कला एवं वास्तुकला, विचारों, परंपराओं और संस्कृति एवं वाणिज्य के जरिए जुड़े रहे हैं।"

गुजरात भूकंप के वक्त भी मदद को आगे आया था ईरान

मोदी ने कहा कि 2001 में गुजरात भूकंप के बाद मदद के लिए आगे आने वाले देशों में ईरान भी है। उन्होंने कहा, "इसी तरह, ईरान के मुश्किल समय में यहां के लोगों के साथ खड़ा रहने पर भारत को गर्व है।" उन्होंने कहा कि वह रूहानी के नेतृत्व और स्पष्ट दूरदृष्टि से प्रभावित हैं। दोनों देशों के बीच सोमवार को हुई बातचीत द्विपक्षीय समझौतों पर केंद्रित रही।

दोनों देशों के नेता भारत और ईरान का भविष्य शानदार बनाने को मिलकर करेंगे काम

मोदी ने कहा, "हमने क्षेत्रीय स्थिति और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।" मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के लोगों का कल्याण विस्तृत आर्थिक संबंधों के अनुरूप रहा है। उन्होंने कहा, "विस्तृत व्यापारिक संबंध, रेलवे, गैस एवं तेल क्षेत्र में साझेदारी, उर्वरक, शिक्षा एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों सहित संपर्क हमारी संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक हैं।" मोदी ने वादा किया कि वह और रूहानी दोनों देशों के स्वर्णिम भविष्य के लिए कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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