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अफ़ग़ानिस्तान की मशहूर 'मोना लीज़ा' धोखाधड़ी में गिरफ़्तार

अफ़ग़ानिस्तान में 31 साल पहले नैशनल ज्योग्रफ़िक पत्रिका के कवर पर फोटो छपने के बाद पूरी दुनिया में चर्चिक हुई 'अफ़ग़ान गर्ल' शरबती बीवी को बुधवार को फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने पेशावर में धोख़ाधड़ी के

Sharbat Biwi- India TV Hindi Sharbat Biwi

अफ़ग़ानिस्तान में 31 साल पहले नैशनल ज्योग्रफ़िक पत्रिका के कवर पर फोटो छपने के बाद पूरी दुनिया में चर्चिक हुई 'अफ़ग़ान गर्ल' शरबती बीवी को बुधवार को फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी ने पेशावर में धोख़ाधड़ी के आरोप में गिरफ़्तार किया।

एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि बीवी को उनके घर से गिरफ़्तार किया गया। उन पर जाली पहचान पत्र बनवाने का आरोप है। उनके पास पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के आईडी कार्ड थे जो ज़ब्त कर लिए गए। 

अधिकारी ने बताया कि नैशनल डाटाबेस रजिस्ट्रेशन ऑथारिटी के उनतीन अधिकारियों की तलाश की जा रही है जिन्होंने ये जाली पहचान पत्र जारी किए थे। ये तीनों अधिकारी फ़रार हैं।

अगर जुर्म साबित हो गया तो बीवी को सात से 14 साल तक की सज़ा हो सकती है और दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

31 साल पहले 1984 में नैशनल ज्योग्रफ़िक पत्रिका के फ़ोटोग्राफ़र स्टीव मैक्करी ने पेशावर में नासिर बाग़ शरणार्थी शिविर में शरबत गुला की तस्वीर खींची थी। तब वह 12 साल की थीं। पत्रिका में तस्वीर छपने के बाद उनकी तुलना लिनार्डो द विंची की मशहूर पेंटिंग मोना लीज़ा से होने लगी थी। इसके बाद नैशनल ज्योग्रफ़िक ने उन पर एक डाक्यूमेंट्री भी बनाई थी जिसमें उन्हें अफ़ग़ान युद्ध की मोना लीज़ा कहा गया था।

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